रमजान के पाक महीने में जन्नत के सभी दरवाजे खुले होते है कहते है की यदि किसी का इंतकाल हो जाए तो वो सीधे जन्नत जाता है। ऐसा ही मामला शहडोल जिले के पुरानी बस्ती स्थित नूरी मस्जिद में पेश आया । जहां फजिर की नमाज के बाद दुआ कर रहे मस्जिद के इमाम मौलाना गुलाम रब्बानी बरकाती की अचानक तबीयत बिगडी और चंद मिनट में ही उनकी रूह परवाज़ कर गयी ।रमजान के इस पाक महीने में उनके इंतकाल के बाद कब्रस्तान में पैर रखने की जगह नहीं थी,
मस्जिद के सदर हाजी इकबाल अहमद ने बताया कि शहडोल पुरानी बस्ती के पास रहने वाले 50 वर्षीय के नूरी मस्जिद के इमाम मौलाना गुलाम रब्बानी बरकाती हर दिन की तरह कल भी सुबह फजर की नमाज अदा कराई ,इसके बाद दुआ करते समय अचानक उन्हें सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई , उनके मुह से झाग निकला और वह वही लेट गये । वह पूरी तरह बेसुध हो गये । मस्जिद में मौजूद नमाजियों की मदद से उन्हें तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया । जहां चिकित्सीय परीक्षण उपरान्त उन्हें मृत घोषित कर दिया गया ।
इमाम साहब के अचानक इंतकाल की खबर सुनने के बाद मोहल्ले समेत आसपास मातम सा छा गया। किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था कि आखिर बिना किसी बीमारी के अचानक इमाम साहब का इन्तेकाल कैसे हो गया ।इसके बाद रात्री में तरावीह की नमाज़ के बाद उउनके जनाजे को ईद गाह कब्रस्तान ले जाया गया, जिसमे इतनी भीड़ थी की पैर रखने की जगह नहीं थी । ग़मगीन आँखों के साथ इमाम साहब को सुपुर्दे खाक किया गया ।
मस्जिद के सदर हाजी इकबाल ने बताया कि इमाम साहब इस मस्जिद में करीब 15 साल से इमामत कर रहे थे ,वह बेहद खुशमिजाज और नेकदिल इंसान थे । उनकी कमी हम सभी को हमेशा महसूस होती रहेगी ।