CG Politics: छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी पूरी
छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं लंबे समय से चल रही थीं, और अब यह तय होता दिख रहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में मंत्रीमंडल का विस्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा था कि “वो तो होना ही है, जबतक होता नहीं, इंतजार करना होगा”, जिससे यह साफ है कि मंत्रीमंडल का विस्तार फिलहाल टल चुका था, लेकिन अब स्थिति बदलने वाली है।
जिलाध्यक्षों के चुनाव के बाद विस्तार की उम्मीद
राज्य में भाजपा के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति 30 दिसंबर से पहले होनी है। इसके बाद ही पार्टी एकराय से जिला अध्यक्षों के नाम पर मुहर लगाएगी। इसके बाद, मुख्यमंत्री साय के मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है। माना जा रहा है कि 31 दिसंबर को चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही यह विस्तार हो सकता है। इस विस्तार के दौरान मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही है।
इन चेहरों को मिल सकती है जगह
मंत्रिमंडल में 13 की बजाय 14 मंत्रियों के नाम पर चर्चा हो रही है। केंद्रीय नेतृत्व से मंत्रिमंडल विस्तार के लिए हरी झंडी मिल चुकी है, और भाजपा के अंदरखाने से यह खबर आई है कि अमर अग्रवाल, किरण सिंहदेव, गजेंद्र यादव, राजेश मूणत और अजय चंद्राकर जैसे प्रमुख नेताओं में से किसी तीन को मंत्री बनाया जा सकता है।
बता दें कि किरण सिंहदेव, जो फिलहाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं, मंत्री बनने की स्थिति में शिवरतन शर्मा और अनुराग सिंहदेव में से किसी एक को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है। इसके अलावा, प्रदेश अध्यक्ष के लिए सौरभ सिंह का नाम भी चर्चा में है। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय किया जाएगा।
मंत्रिमंडल में अब तक क्या हुआ है
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में सरकार का गठन हुआ था, और इसके बाद अरुण साव और विजय शर्मा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। पहले विस्तार में 9 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था, जिससे कुल मंत्रियों की संख्या 12 हो गई थी। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री समेत कुल मंत्रियों की अधिकतम संख्या 13 हो सकती है, लेकिन अब यह संभावना जताई जा रही है कि हरियाणा की तरह छत्तीसगढ़ में भी मंत्रियों की संख्या 14 तक हो सकती है।
इसके अलावा, बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने से दो पद खाली हो गए थे। अब इन दो पदों को भरने के लिए नई नियुक्तियां की जा सकती हैं।
समग्र दृष्टिकोण
इस मंत्रिमंडल विस्तार के साथ छत्तीसगढ़ में भाजपा के नेताओं को उनके कार्य के आधार पर और उनकी पार्टी के लिए योगदान के लिए और जिम्मेदारी दी जा सकती है। चुनाव आचार संहिता से पहले मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया के पूरा होने की संभावना है, जिससे सरकार को और मजबूती मिलेगी और पार्टी के भीतर नेताओं को नया मौका मिलेगा।