मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को कई लाभ दिए जा रहे हैं। पात्र महिलाओं को हर महीने राज्य सरकार द्वारा 1250 रुपए उनके बैंक खातों में भेजे जाते हैं। इसके साथ ही, पक्के मकान बनाने के लिए लाड़ली बहना आवास योजना भी शुरू की गई है, जिसमें सरकार महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
महिलाओं को महज 450 रुपए में गैस सिलेंडर भी उपलब्ध कराया जा रहा है। अब, सीएम मोहन यादव ने एक नई योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के अंतर्गत, महिलाओं को व्यवसायिक कौशल और प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे अपना खुद का कारोबार स्थापित कर सकेंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की बैठक में नई योजना का खुलासा किया। उन्होंने लाड़ली बहनों को आर्थिक लाभ दिलाने के लिए हेंडलूम का प्रशिक्षण देने और अगरबत्ती निर्माण जैसे छोटे उद्योगों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के निर्देश दिए। यह पहल महिलाओं को उनके हुनर के विकास और वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बांस के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्यभर में नदियों के किनारे बांस रोपने का सुझाव दिया। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने कहा कि हेंडलूम जैसे कामों से लाड़ली बहनों की आमदनी बढ़ाई जानी चाहिए।
सीएम ने यह भी बताया कि गांवों में प्रचुर मात्रा में शहद होता है, और शहद संग्रहण की व्यवस्था कर शुद्ध शहद शहरों में उपलब्ध कराने से अच्छा लाभ हो सकता है। उन्होंने कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग को इसके लिए प्रशिक्षण देने और मृगनयनी सहित विभिन्न काउंटरों पर शहद की बिक्री की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
बैठक में जानकारी दी गई कि छोटे व्यवसायियों के लिए कई ऋण और अनुदान योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के हर शहर में बड़े मॉल बनाने और वहां केवल लोकल प्रोडक्ट्स बेचने का सुझाव दिया, ताकि विदेशी या बाहरी सामान की बजाय स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल सके। यह कदम स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।