फ्लोराइड के फायदे और नुकसान: जरूरत से ज्यादा फ्लोराइड दांतों के साथ सेहत भी कर सकता है बर्बाद, जानिए क्या है यह, क्यों और कितना जरूरी
Danton Ke Liye Fluoride: फ्लोराइड दांतों को सड़न से बचाने के अलावा इनैमल को भी मजबूत बनाता है, साथ ही यह कैविटी के खतरे को भी कम करता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा फ्लोराइड का सेवन हानिकारक भी हो सकता है।
फ्लोराइड एक ऐसा खनिज है जो कई खाद्य पदार्थों के अलावा पानी में भी पाया जाता है। यह दांतों को मजबूत बनाने के साथ कैविटिज से भी बचाता है। हालांकि, इसका सेवन पर्याप्त मात्रा में ही करना चाहिए। टूथपेस्ट और माउथ वॉश जैसे प्रोडक्ट्स में फ्लोराइड पाया जाता है। चूंकि इस तरह के उत्पादों में फ्लोराइड की मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए इसके टॉक्सिक लेवल का पता लगाना काफी मुश्किल होता है।
फ्लोराइड न सिर्फ दांतों और हड्डियों का मिनरल है, बल्कि यह प्राकृतिक रूप से पानी, मिट्टी, पौधों, हवा, पत्थर और पानी में भी पाया जाता है। फ्लोराइड का इस्तेमाल दंत चिकित्सा में दांतों की बाहरी परत यानी इनेमल को मजबूत बनाने के लिए किया जाता है। अमेरिका के अलावा कई अन्य देशों में इसे पब्लिक वॉटर सप्लाई में भी मिलाया जाता है।
फ्लोराइड के प्रकार
फ्लोराइड का इस्तेमाल डेंटल हेल्थ में सुधार के लिए किया जाता है। ज्यादा कैविटी की समस्या होने पर डेंटिस्ट फ्लोराइड से मुंह धोने की सलाह देते हैं। खाद्य पदार्थों के अलावा, फ्लोराइड पानी में भी पाया जाता है। आप चाहें तो फ्लोराइड वाला टूथपेस्ट या माउथ वॉश भी खरीद सकते हैं। आमतौर पर अल्कोहल और केमिकल फ्री माउथ वॉश ही यूज करना चाहिए।
डेंटिस्ट आपके दांतों पर फ्लोराइड निम्न रूप से भी लगा सकते हैं:
- फोम: डेंटिस्ट इसे एक कस्टम ट्रे में डालने के बाद दांतों पर रखते हैं।
- वार्निश: इसे डेंटिस्ट सीधे दांतों पर लगाते हैं।
- जेल: डेंटिस्ट इसे या तो दांतों पर लगाते हैं या फिर कस्टम ट्रे में डाल देते हैं।
फ्लोराइड के फायदे
फ्लोराइड दांतों के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि:
- यह कमजोर इनैमल के पुनर्निर्माण में मदद करता है।
- दांतों से मिनरल्स को कम होने से बचाने में मदद करता है।
- दांतों की सड़न के शुरुआती लक्षणों को दूर करता है।
- हानिकारक ओरल बैक्टीरिया से बचाव करता है।
जब मुंह में बैक्टीरिया, शुगर और कार्बोहाइड्रेट को तोड़ते हैं, तो उससे उत्पन्न होने वाला एसिड दांतों के इनेमल में मौजूद मिनरल्स को खत्म कर देता है। इसे डिमिनरलाइजेशन कहा जाता है। ऐसे में दांत कमजोर हो जाते हैं और यह कैविटी का कारण बनते हैं। फ्लोराइड दांतों के इनैमल को फिर से मिनिरल बनाने में मदद करता है, जो कैविटी को रोककर दांतों को सड़ने से बचाता है। कई शोधों से यह बात स्पष्ट हुई है कि फ्लोराइड युक्त पानी पीने से और फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट के इस्तेमाल से दांतों से जुड़ी समस्याओं में कमी आई है।
फ्लोराइड से होने वाले साइड इफेक्ट्स
फ्लोराइड के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। अगर इसका सेवन ज्यादा मात्रा में किया जाए तो कई गंभीर नुकसान भी हो सकते हैं। कई देशों में पानी में मिलाए जाने वाले फ्लोराइड की मात्रा 0.7 पीपीएम होती है।
डेंटल फ्लोरोसिस
जरूरत से ज्यादा फ्लोराइड का सेवन करने से डेंटल फ्लोरोसिस की समस्या हो जाती है, जबकि मसूड़ों के नीचे दांत बन रहे होते हैं। इससे दांतों की सतह पर सफेद धब्बे होने लगते हैं। सफेद धब्बों के अलावा डेंटल फ्लोरोसिस के कोई अन्य लक्षण नहीं होते हैं और न ही इसका कोई नुकसान होता है। यह केवल 8 साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है, जिनके दांत निकल रहे होते हैं। बच्चे अक्सर टूथपेस्ट को निगल लेते हैं, जिसमें फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने की संभावना रहती है।
ऐसे में यह बच्चों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। डेंटल फ्लोरोसिस से बचने के लिए आप अपने बच्चों को ब्रश करने का सही तरीका सिखा सकते हैं, साथ ही उन्हें टूथपेस्ट बहुत ही कम मात्रा में इस्तेमाल करने दें।
निष्कर्ष
फ्लोराइड दांतों के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है, जो सड़न और कैविटीज से बचाने में मदद करता है। हालांकि, इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना आवश्यक है। जरूरत से ज्यादा फ्लोराइड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए उचित जानकारी और सावधानी से इसका उपयोग करना चाहिए।