अलेप्पो, Syria में जारी हिंसा ने मानवीय संकट को और बढ़ा दिया है
पश्चिम एशिया में हिंसा का दौर लगातार जारी है, और अब सीरिया के अलेप्पो में भी हालात और भी खराब हो गए हैं। कुछ साल पहले ISIS ने सीरिया और लीबिया में आतंक मचाया था, जिसके बाद हमास ने इजरायल पर घातक हमले किए, और अब इजरायल ने गाजा में जघन्य कार्रवाई की। इस संघर्ष ने न सिर्फ जान-माल का नुकसान किया, बल्कि हजारों लोग बेघर हो गए हैं। वहीं, अब अलेप्पो में विद्रोहियों और सरकारी बलों के बीच युद्ध छिड़ गया है, जिसके कारण महिलाओं और बच्चों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है।
विद्रोहियों ने अलेप्पो पर कब्जा कर लिया है, और सीरियाई सरकार इसे फिर से अपने नियंत्रण में लेने के लिए संघर्ष कर रही है। इस हिंसक संघर्ष के कारण लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। इन लोगों को अस्थायी शिविरों में शरण लेनी पड़ रही है, जहां कड़ाके की ठंड और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। यह हालात उन लोगों के लिए और भी कठिन बना रहे हैं, जो पहले ही युद्ध के कारण परेशान थे।
अलेप्पो में बच्चों का बचपन संकट में है। टेंटों में रहने वाले ये बच्चे न केवल अपने घर से दूर हैं, बल्कि उन्हें भोजन, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी बुनियादी चीजों की भी कमी महसूस हो रही है। इन अस्थायी शिविरों में महिलाएं भी कठिनाइयों का सामना कर रही हैं। अत्यधिक ठंड में कोई राहत नहीं है, और इस स्थिति में उनकी आवाज को सुनने वाला कोई नहीं है। महिलाओं की कराह और बच्चों के रोने की आवाजें इन शिविरों में गूंज रही हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
रक्का और तेल रिफात जैसे इलाकों में भी विस्थापितों के लिए अस्थायी शिविर बनाए गए हैं। यहां भी स्थिति गंभीर है, जहां कई परिवार अपने घरों से दूर शरण लेने को मजबूर हैं। इन शिविरों में महिलाओं और बच्चों की स्थिति बेहद खराब है, और उन्हें एक बुनियादी जीवन यापन करने में भी दिक्कतें आ रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से कुछ प्रयास किए गए हैं, लेकिन ये प्रयास पूरी तरह से नाकाफी साबित हो रहे हैं। सीरिया में इस समय सबसे बड़ा संकट मानवीय है, और यदि स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो यह त्रासदी और भी बढ़ सकती है।