16 अगस्त को अपहरण कर हत्या की गई और 17 अगस्त को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस ने 24 अगस्त को तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया।
गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन की केडब्ल्यू सृष्टि सोसायटी के निवासी इंटीरियर डिजाइनर तरुण पंवार (35) का 16 अगस्त को अपहरण कर गला दबाकर और मारपीट कर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद शव को बुलंदशहर के बीबीनगर में ले जाकर छह टुकड़े किए गए, जिसमें धड़ और पैर बीबीनगर की नहर में फेंके गए और सिर और हाथ बाबूगढ़ में फेंके गए।
पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला है कि हत्या प्रेम प्रसंग के चलते की गई थी। पुलिस ने आरोपियों के पास वारदात में उपयोग किए गए फावड़ा, दरांती, दो गद्दे, कार और तरुण की कार बरामद की है। साथ ही बुलंदशहर के औरंगाबाद थाना क्षेत्र से दायां पैर भी बरामद किया गया है।
डीसीपी नगर राजेश कुमार ने बताया कि बुलंदशहर के बीबीनगर के गांव खरकाली निवासी पवन, वंश और राजनगर एक्सटेंशन की औरा कायमेरा सोसायटी निवासी अंजली को गिरफ्तार किया गया है। अंजली इसी सोसायटी में हेल्प डेस्क मैनेजर है।
मामले में बीबीनगर के चित्तसौना निवासी दीपांशु, लोनी के इंद्रापुरी निवासी अक्षय, जीते, अंकुर, मनोज और अंकित फरार हैं। इनकी तलाश की जा रही है। अक्षय अंजली का बहनोई है। वारदात का मुख्य आरोपी पवन है, जिसने पूछताछ में हत्या की बात स्वीकार की है।
पवन ने पुलिस को बताया कि वह अंजली को पसंद करता था और अंजली के संपर्क तरुण से भी थे। तरुण और अंजली की नजदीकियां बढ़ने पर पवन ने अंजली से बात करने के बाद तरुण की हत्या की साजिश रची। इसमें उसने अंजली के जीजा अक्षय और अपने दोस्तों को भी शामिल किया। अंजली ने तरुण का नंबर लड़की के नाम से सेव किया था, जिससे अक्षय नाराज था और इस घटना में शामिल हो गया।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने साजिश के तहत वारदात की योजना बनाई थी। उन्होंने फर्जी आईडी पर नया सिम और मोबाइल खरीदा और पवन ने 16 अगस्त को तरुण को इंटीरियर का काम दिलवाने के लिए कॉल की और उसे मोरटा बुलाया। फिर उसे मधुबन बापूधाम में मनोज के घर ले गए, जहां सभी ने मिलकर तरुण को रस्सी से बांध लिया, उसका गला दबाया और पिटाई की। दीपांशु ने तरुण के सिर पर डंडा मारा, जिससे वह बेहोश हो गया और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।
तरुण की कार को रात में अंधेरे में साजिश के तहत वंश और दीपांशु ने एक निजी अस्पताल की पार्किंग में खड़ा किया। शव को बाइक और फिर वैगनआर गाड़ी में डालकर बुलंदशहर में ले जाकर टुकड़े कर नहर में फेंक दिया।
डीसीपी ने बताया कि जांच में कोई सुराग नहीं मिला, लेकिन बाद में सीसीटीवी फुटेज से कुछ चेहरे मिले और पुलिस ने उन्हें पहचान लिया। 24 अगस्त को पुलिस ने घटना का खुलासा कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।