बुढार थाना क्षेत्र का है ,जिसमे एक 15 वर्षीय किशोर द्वारा पड़ोस में रहने वाली पांच वर्षीय मासूम के साथ जबरन दुराचार किया गया । इसी प्रकार दुसरा मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है ,जहां नौ वर्षीय बच्ची के साथ दुराचार किए जाने का मामला दर्ज किया गया है । एक अन्य मामला जिले के देवलोंद थाना क्षेत्र का है ,जहां छत में सो रही 16 वर्षीय किशोरी के साथ उसके ही पडोसी द्वारा दुराचार किया गया। घटना के बाद पीड़ित बच्चियों के परिजनों द्वारा इसकी शिकायत सम्बंधित थाना में दर्ज कराई गयी । जिस पर बुढार एवं कोतवाली एवं देवलोंद थाना पुलिस द्वारा अलग अलग मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी गयी है ।
जिले के देवलौंद क्षेत्र में 16 वर्षीय नाबालिग के साथ हुई ज्यादती की घटना ने न केवल स्थानीय पुलिस व्यवस्था को चुनौती दी है, बल्कि समाज के सतह पर महिला सुरक्षा के दावों की वास्तविकता को भी उजागर किया है। एक पड़ोसी युवक द्वारा रात में जबरन ज्यादती की गई, लेकिन आरोप की गंभीरता और पीड़ित परिवार की आवाज को दबाने स्थनीय राजनेताओं ने मामले को दबाने का प्रयास किया ।
पीड़ित परिवार के अनुसार घटना उस समय हुई जब नाबालिग, अपनी छोटी बहन के साथ घर की छत पर सो रही थी। परिवार के अन्य सदस्य पास की छत पर थे। आरोपित युवक ने मौके पर पहुंचकर नाबालिग का मुंह दबाकर उसके साथ जबरदस्ती की। जब पीड़िता ने शोर मचाया, तो परिवार के सदस्य जाग गए और आरोपी को रंगे हाथ पकड़कर उसे वहा बांध दिया। और आरोपी के परिजनों को मामले की जानकारी दी। इसके बाद आरोपी की मां मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों में बातचीत के बाद आरोपी को परिवार ने छोड़ दिया।
घटना के बाद जब पीड़ित परिवार थाने में अपने साथ हुई ज्यादती की शिकायत करने पहुंचा, तो एक दबंग नेता ने मामले को राजनीतिक रंग देकर सुलझाने का प्रयास किया। थाने में पहले से मौजूद उस नेता ने पीड़िता के माता-पिता पर बदनामी का डर दिखाकर जबरन सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिए, जिसके कारण मामला दर्ज नहीं हुआ। जिसके बाद पीड़ित परिवार 120 किलोमीटर की यात्रा कर शहडोल जिला मुख्यालय पहुचा और एसपी के सामने आपबीती बताई ।जिसके बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक दिवान ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा, पीड़िता की शिकायत पर पड़ोसी युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है। वहीँ थाने में पीड़ित के साथ हुए अन्याय पर पुलिस के आला अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं ।
विदित हो कि जिले में दुराचार के मामले लगातार बढ़ते जा रहें है । वहशी दरिन्दे अब छोटी छोटी मासूम बच्चियों को अपने हवस का शिकार बना रहें हैं । ऐसे घटनाए सभ्य समाज के लिए चिंता का विषय है । वहीँ आए दिन ऐसे मामले सामने आने के बाद अभिभावक भी अपनी मासूम बच्चियों की सुरक्षा को लेकर चिंता में पड़ गये हैं । अभिभावक का कहना है कि पुलिस को ऐसे दरिंदो के खिलाफ कड़ी क़ानूनी कार्यवाही करना चाहिए ताकी ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लग सके । साथ ही बच्चियों एवं महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी ध्यान दिया जाना चाहिए । अगर ऐसी ही स्थिति रही तो हम लोगों को अपनी छोटी बच्चियों को घर से बाहर भेजने में भी भय लगेगा ।