कोयले का काला कारोबार ने अब तक कई जिंदगियां निगल चुका है । अपराधो का ग्राम दिनों दिन बढ़ता जा रहा है । इन सबके बावजूद पुलिस द्वारा इस पर लगाम लगाने कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जा रहा है ,ऐसे में अब आमजन के ज़हन में एक ही सवाल उठ रहा है कि पुलिस आखिर किस काम के लिए है ? बीते दिनों बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने भी शहडोल प्रवास के दौरान पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए थे । उन्होंने तो यह तक कह दिया था कि यहाँ क़ानून का नहीं गुंडे और माफियाओं का राज चल रहा है ।
रात ही नही दिन में भी चोरी
जिले भर में हर 24 से 48 घंटे के बीच किसी न किसी मकान अथवा दूकान के ताले टूट रहें हैं। पुलिस की निष्क्रियता के परिणाम स्वरूप रात ही नहीं दिन में भी घरों के ताले टूट रहें है ।फरवरी माह की वारदातों पर ही नजर दौड़ाई जाए तो करीब 20 दिनों के भीतर 10 जगहों पर चोरियां हुईं। यानी 48 घंटे के भीतर दूकान व मकान में चोरी की वारदातें हुई । जिसमे करीब 35 लाख रुपए मूल्य के सोने-चांदी के जेवरात सहित चार लाख रुपए नकदी रकम चोरों ने पार कर दिए । इसके बावजूद पुलिस के हाथ अब तक खाली है । पुलिस की इस सुस्त कार्यप्रणाली के कारण चोरों के हौसले बुलंद हैं और वह बे खौफ होकर लोगों के घरो व दुकानो को अपना निशाना बना रहें हैं ।
चोरी की इन वारदातों के बाद मौके पर प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉयड, प्रिंगर प्रिंट, सायबर विशेषज्ञ और एफएसएल विशेषज्ञ भी पहुंचते हैं,उनके द्वारा सबूत जुटाने का प्रयास किया जाता है, लेकिन विवेचना करने वाले थाना पुलिस द्वारा तकनीकी जानकारों से बराबर समन्वय नहीं किया जाता। समय रहते तकनीकी पहलुओं को छोड़ परंपरागत पुरानी पद्धति के सहारे थाना पुलिस बैठीरहती है। बीते दिनों कोतवाली पुलिस की सफलता का कारण भी यही था कि उन्होंने तकनीकी पहलुओं पर फोकस किया। लेकिन इसके विपरीत अन्य थानो की पुलिस उसी पुराने ढर्रे पर जांच पड़ताल कर रही है। जिसके परिणाम स्वरूप अधिकाँश घटनाओं में पुलिस के हाथ अब तक खाली ही है । न तो आरोपियों का सुराग लगा और न ही चोरी गये लाखों के सामान का ही बरामद हो सका ।
फरवरी में चोरियों की भरमार
अगर फरवरी माह हुई चोरियो पर नजर डाली जाए तो सभी वारदातों में पुलिस अब तक केवल जांच जारी है ,के जुमलो तक ही सिमटी हुई है । इस माह फरवरी माह की शुरुआत ही चोरी की घटनाओं से हुई। जिसमे 4-5 फरवरी को थाना बुढ़ार अंतर्गत रिटायर्ड कालरी कर्मचारी श्रवण भट्ट के यहां 80 हजार नगद व 4-5 लाख के जेवरात चोरी हुए। 5-6 फरवरी को बुढ़ार थाना के गोपालपुर तिराहा हाथीडोल में दिनेश प्रसाद सोनी के घर से 3-4 सेलाख के जेवर व 3 हजार नकद, 6-7 फरवरी को सिंहपुर थानांतर्गत सिगुड़ी गांव में राजकुमार अर्ध सिंह की दुकान से 25 हजार नकद व किराना कर्म सामान, 7-8 फरवरी को ब्यौहारी थाना के बोचरो निवासी रामप्रकाश की किराना दुकान से 50 हजार की वाल चोरी, 9 फरवरी को कोतवाली शहडोल में वृद्धा वेत से 2 लाख के गहनों की लूट, 15 फरवरी को कम mब्यौहारी थाना के जमुनी निवासी रिटायर्ड कर्मचारी भी रामबली मिश्रा के 61 हजार की चोरी, 18-19 में फरवरी को अमलाई थानांतर्गत कालरी कर्मी कि दीपनारायण द्विवेदी के घर से 50 हजार नकद व की 7 लाख के जेवरात, ब्यौहारी थानांतर्गत वार्ड नंबर है। 1 हरेंद्र सिंह के यहां से 8 लाख के जेवरात संघ व 27 हजार नकद, 21 फरवरी को साहोगपुर अध थानांतर्गत वार्ड नंबर 4 में वनपाल मुमताल अली शा के घर से 50 हजार नकद व 2 लाख के जेवर व 22 फरवरी को अमलाई थानांतर्गत वार्ड नंबर दर 6 में बब्बी राव के घर से 15 हजार नकद व में 2.50 लाख के जेवर चोरी हुए । लेकिन इनमे से किसी भी घटना के आरोपी अब तक नहीं पकडे गयें हैं ।