इंदौर में जन्मी दो सिर वाली बच्ची, डॉक्टर्स के सामने बड़ी चुनौती
एक दुर्लभ मामला, एक शरीर में दो सिर और दो दिल
इंदौर के महाराजा तुकोजीराव अस्पताल (एमटीएच) में एक बेहद दुर्लभ और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। देवास जिले की 22 वर्षीय महिला ने सिजेरियन ऑपरेशन के ज़रिए एक ऐसी बच्ची को जन्म दिया है, जिसके एक ही शरीर में दो सिर हैं। इस जन्मजात विकृति को देखकर डॉक्टर्स भी हैरान हैं और अब बच्ची की जान बचाने की जद्दोजहद जारी है।
जन्म के बाद से ही गहन चिकित्सा में भर्ती
बच्ची का वजन 2.80 किलोग्राम है और उसे एमटीएच अस्पताल की नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में भर्ती किया गया है। जन्म के तुरंत बाद उसे सांस लेने में भारी परेशानी होने लगी, जिससे उसे वेंटिलेटर और अन्य जीवनरक्षक मशीनों पर रखा गया है।
डॉक्टर्स ने क्या बताया?
एमटीएच के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलेश जैन के अनुसार, यह एक जन्मजात विकृति है जो लगभग हर दो लाख जन्मों में एक बार देखने को मिलती है। बच्ची के शरीर में दो दिल हैं, जिनमें से एक बेहद छोटा है जबकि दूसरा दिल भी विकृत है। इसके अलावा शरीर में दो लिवर और दो फेफड़े मौजूद हैं।
डॉ. जैन का कहना है कि इस तरह की स्थिति में शिशु के लंबे समय तक जीवित रहने की संभावनाएं काफी कम होती हैं। उन्होंने बताया कि शारीरिक संरचना की जटिलता के कारण ऐसी स्थिति में सर्जरी करना बेहद मुश्किल होता है।
गर्भावस्था में नहीं मिली जानकारी
महिला ने गर्भावस्था के दौरान चार बार अल्ट्रासाउंड कराया था, लेकिन किसी भी जांच में इस प्रकार की जटिलता का पता नहीं चल पाया। यह स्थिति डॉक्टरों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि इतनी गंभीर विकृति का इतनी बार जांच होने के बावजूद सामने न आना चिकित्सा पद्धति पर सवाल खड़ा करता है।
आगे की क्या योजना है?
फिलहाल बच्ची की स्थिति नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों की टीम लगातार उसके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक सिर को शरीर से अलग करने की संभावना पर विचार किया जा रहा है, लेकिन यह फैसला बहुत सोच-समझकर और मेडिकल रिपोर्ट्स के आधार पर ही लिया जाएगा।
यह मामला न केवल चिकित्सा विज्ञान के लिए एक चुनौती है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि जन्म से पहले की जांचों में ऐसी गंभीर स्थितियों का पता क्यों नहीं चलता। फिलहाल पूरा मेडिकल स्टाफ बच्ची की जान बचाने की पूरी कोशिश में जुटा हुआ है।