हालाकि कुछ देर मे उन्हें इस बात का पता चल गया कि पुलिस लाइन मे कोई बलवा व दंगा नही हुआ हैं, बल्कि यह तो बलवाइयो से निपटने के लिए पुलिस द्वारा मॉक ड्रिल की जा रही है।
आज सुबह से ही पुलिस लाइन मे इसकी तैयारी चल रही थी। निर्धारित समय पर मॉक ड्रिल शुरु हुईं। जिसमे पुलिस कर्मियों की दो टीम बनाई गयी थी, जिसमे एक बचाव के लिए पुलिस कर्मियों का बल था, वहीँ इन्ही पुलिस कर्मियों मे से एक टीम बलवाइयों की भूमिका निभा रही थी। अभ्यास के दौरान दोनों ओर की टीमे जमकर चीख चिल्ला रही थी। मॉक ड्रिल के दौरान कुछ पुलिस कर्मी अपने सहकर्मी साथी को टस्ट्रेचर पर लेकर भागते नजर आए तो कुछ राइफल ताने दिखे। साथ ही आंशू गैस छोड़ी जा रही थी ।
विदित हो कि समय समय पर इसी तरह पुलिस लाइन के मॉक ड्रिल की जाती हैं ताकि कभी अगर बलवाईयों से निपटने की जरूरत पड़े अथवा कोई विषम स्थिति निर्मित हो तो उस पर आसानी का साथ काबू पाकर शान्ति बहाल की जा सके।
इस दौरान अतरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीवान द्वारा मॉक ड्रील के महत्त्व एवं विभिन्न दंगा नियंत्रण के तकनीको के बारे मे बारीकी के साथ मातहत पुलिस कर्मियों को जानकारी दी गई। ताकि भविष्य मे यदि ऐसी कोई परिथिति निर्मित होती हैं तो पुलिस बल इसके लिए पहले से ही पूर्ण रूप से प्रशिक्षित रहे। पूर्व मे इस प्रकार का मॉक ड्रिल पुलिस लाइन मे किया जा चुका हैं।
