जब काफी खोजने के बाद उस गरीब को अपना आशियाना नहीं मिला तो उसे मजबूरी में अपना गाँव छोडकर ही जाना पड़ा । यह मामला सामने आया है बुढार विकास खंड के ग्राम पंचायत बरगवां 18 के ग्राम जमुड़ी में । जहां वार्ड नम्बर 17 जमुड़ी निवासी दशरथ सिंह पिता सिरजन सिंह के नाम स्वीकृत पीएम आवास गायब हो गया है ।
जबकि वहाँ के रोजगार सहायक व प्रभारी पंचायत सचिव अमरजीत मिश्रा के मुताबिक़ मकान की दो क़िस्त हितग्राही को जारी की जा चुकी है और अब छत की ढलाई होने पर तीसरी क़िस्त जारी की जाएगी । लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है क्योंकि हितग्राही का मकान का निर्माण हुआ ही नहीं है बल्कि वहाँ पर मकान के नाम पर वर्तमान समय केवल बंजर जमीन नजर आ रही है । आरोप है कि पंचायत सचिव अमरजीत मिश्रा ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर हितग्राही की राशि का बंदरबांट कर लिया ।
यह आरोप इस बात से भी प्रमाणित हो रहा है कि वर्तमान समय जिस जगह छत लेबल तक निर्माण का होना पंचायत सचिव द्वारा बताया जा रहा है वहाँ चटियल मैदान नजर आ रहा है । जब हितग्राही को इस बात का पता चला कि उसके नाम स्वीकृत मकान की राशि का बंदरबांट कर लिया गया है ।
ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि एक गरीब के आशियाने का पैसा हड़पने वाले पंचायत के कारिंदों के खिलाफ कब जांच और कार्यवाही होगी । साथ ही पंचायत द्वारा कराए गये अन्य निर्माण कार्यों की भी जांच कराई जानी चाहिए ताकि वहाँ हो रही अनियमितताएं सामने आ सके ।
इस बारे में जब रोजगार सहायक व प्रभारी सचिव ग्राम पंचायत अमरजीत मिश्रा से बात की गयी तो उनका कहना था की हितग्राही के नाम प्रधान मंत्री आवास स्वीकृत हुआ था और छत लेबल तक काम पूरा हो चुका है ,दो क़िस्त जारी हो चुकी है आगे छत की ढलाई के समय तीसरी क़िस्त जारी की जाएगी । लेकिन जब सचिव से मकान का अस्तित्त्व ही उक्त स्थान पर नहीं होने व उसके प्रमाण होने की बात पूछी गयी तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया ।