निवेश जोखिम को कम करने के लिए एसेट एलोकेशन फंड क्यों जरूरी?
इक्विटी मार्केट में उतार-चढ़ाव से निवेशकों की चिंता
इक्विटी मार्केट में उतार-चढ़ाव निवेशकों के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। ऐसे में निवेश को विभिन्न एसेट क्लास में विभाजित करने का महत्व बढ़ गया है। सितंबर 2024 के बाद से, जिन निवेशकों का ज्यादा झुकाव केवल इक्विटी की ओर था, उनके पोर्टफोलियो में अधिक गिरावट देखी गई, जबकि जिनके पोर्टफोलियो में इक्विटी, डेट और गोल्ड का संतुलन था, वे नुकसान से बच सके।
डेट और गोल्ड ने कैसे दिया स्थिर रिटर्न?
हाल के महीनों में घरेलू विकास में मंदी के चलते हाई-वैल्यू भारतीय इक्विटी में गिरावट देखी गई। दूसरी ओर, ब्याज दरों में कमी की संभावना ने डेट मार्केट को स्थिर रखा, और जियोपॉलिटिकल अनिश्चितताओं के कारण सोने की कीमतें बढ़ गईं। इन कारकों के चलते, जिन निवेशकों ने अपने पोर्टफोलियो में डेट और गोल्ड को जोड़ा, उनके नुकसान सीमित रहे और रिटर्न की संभावनाएं बेहतर बनीं।
डायवर्सिफिकेशन क्यों जरूरी?
इतिहास गवाह है कि इक्विटी, डेट और गोल्ड के बीच सह-संबंध बना रहता है। जब एक एसेट क्लास खराब प्रदर्शन करता है, तो दूसरा उसकी भरपाई कर सकता है। हालांकि, कई निवेशक भीड़ के प्रभाव में आकर हाल ही में अच्छा प्रदर्शन करने वाले एसेट क्लास में निवेश कर देते हैं, बिना यह सोचे कि समय के साथ हर एसेट क्लास में बदलाव आता है। इसलिए, पोर्टफोलियो में विविधता लाना जरूरी हो जाता है, जिससे निवेश ज्यादा स्थिर और सुरक्षित हो सके।
रिटेल निवेशकों के लिए सही विकल्प क्या है?
हर निवेशक के पास मार्केट ट्रेंड को समझने और सही एसेट एलोकेशन तय करने की विशेषज्ञता या समय नहीं होता। ऐसे में एसेट एलोकेशन म्यूचुअल फंड्स एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकते हैं। ये फंड्स शोध-आधारित रणनीतियों के जरिए निवेशकों के जोखिम को कम करके उन्हें बेहतर रिटर्न प्रदान करते हैं।
कैसे मदद करता है एसेट एलोकेशन फंड?
एसेट एलोकेशन फंड्स मार्केट की स्थिति के अनुसार इक्विटी, डेट और गोल्ड में निवेश का संतुलन बनाए रखते हैं। उदाहरण के लिए, एक लोकप्रिय फंड ने फरवरी 2025 तक 6.85% का एक साल का रिटर्न, 11.80% का तीन साल का CAGR और 13.69% का पांच साल का CAGR रिटर्न दिया। यह दिखाता है कि सही एलोकेशन रणनीति से निवेश जोखिम कम किया जा सकता है और लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
निष्कर्ष
बाजार में अनिश्चितताओं के चलते निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन पर ध्यान देना चाहिए। एसेट एलोकेशन म्यूचुअल फंड्स निवेशकों को बिना ज्यादा जोखिम उठाए स्थिर और आकर्षक रिटर्न दिलाने में मदद कर सकते हैं।