उज्जैन में पिछले शुक्रवार शाम को महाराजवाड़ा स्कूल की दीवार तेज बारिश के कारण ढह गई, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद से कार्रवाई का दौर जारी है, जिसमें क्षेत्र का अतिक्रमण हटाया गया और कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने अपने एक्स हैंडल पर एक ट्वीट में बताया कि महाराजवाड़ा की दीवार गिरने से हुई मौतों के मामले में महाकाल थाना प्रभारी अजय वर्मा और बीट प्रभारी उपनिरीक्षक भरत सिंह निगवाल की लापरवाही पाई गई, जिसके चलते उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया।
एसपी प्रदीप शर्मा द्वारा की गई कार्रवाई के बाद नगर निगम ने भी गोपाल बोयत, उपयंत्री नगर निगम, और मनीष बाली, अतिक्रमण रिमूवल गैंग प्रभारी, को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही, दिलीप बामनिया, प्लाटून कमांडर सुरक्षा अधिकारी महाकाल मंदिर, को भी निलंबित किया गया है। हालांकि, इन सभी कार्रवाई के बावजूद जनता ने एसपी प्रदीप शर्मा की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उनके एक्स हैंडल पर की गई पोस्ट में लोग विभिन्न प्रश्न पूछ रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लोग इस मामले में गहराई से जांच की मांग कर रहे हैं।
मनावर विधायक डॉ. हिरालाल ने उज्जैन में हुई दीवार गिरने की घटना के बाद की गई कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने नई एसपी द्वारा एक्स पर की गई पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा कि दीवार टूटी, लेकिन ज़िम्मेदारी से मुंह मोड़ा गया। विधायक ने कहा कि “उज्जैन में दीवार गिरने से मासूम जानें गईं, पर निलंबन की गाज सिर्फ थानेदार पर गिरी।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महाकाल लोक निर्माण में घोटालों की परतें तो हैं, लेकिन असली जिम्मेदार ठेकेदारों और निर्माणकर्ताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विधायक ने एसपी से सवाल किया कि “क्या पुलिस दीवारों को पकड़कर बैठी थी?” और पूछा कि क्या दीवार बनाने वालों पर ठोस कार्रवाई होगी? उन्होंने कहा कि जनता को भ्रमित करने के लिए छोटे अफसरों को बलि का बकरा बनाने से न्याय नहीं मिलेगा और असल दोषियों पर कब कार्रवाई होगी, यह एक बड़ा प्रश्न है। अंत में, उन्होंने एसपी से यह भी पूछा कि थाना प्रभारी और उपनिरीक्षक की क्या गलती थी?
उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने महाराजवाड़ा स्कूल की दीवार गिरने के मामले में महाकाल थाना प्रभारी अजय वर्मा और बीट प्रभारी उपनिरीक्षक भरत सिंह निगवाल की लापरवाही मानते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उनकी कार्रवाई पर भले ही एक्स पर कई तरह के कमेंट्स किए जा रहे हों, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश में भारी बारिश के अलर्ट के बाद एसपी ने पिछले चार दिनों से मानसून को लेकर लिखित में निर्देश जारी किए थे।

इन निर्देशों में बताया गया था कि थाना क्षेत्र में ऐसे स्थान जो बारिश के दौरान जानलेवा साबित हो सकते हैं, वहां पुलिस द्वारा एहतियात के तौर पर इंतजाम किए जाएं, ताकि कोई दुर्घटना या जनहानि न हो। हालांकि, महाकाल थाना प्रभारी और बीट प्रभारी ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें दोषी मानकर कार्रवाई की गई।