ओरियंट पेपर मिल प्रबंधन इस हादसे को छुपाने की कोशिश करता रहा । जानकारी के अनुसार बीते रात्रि मनीष सिँह ड्यूटी पर काम में लगे थे। इस दौरान टीशू प्लांट -3में कार्य के दौरान उनका एक मशीन की चपेट में आने से पूरा शरीर मशीन में फंस गया। कुछ ही सेकण्ड में हाथ के साथ साथ शरीर भी मशीन की तरफ खिंच गया।जिसमे वह गंभीर रूप से घायल हो गये ।

मिल के अंदर ड्यूटी में मौजूद कर्मचारियो के पास मोबाइल रखने की अनुमति नही होने की वजह से घायल कर्मचारी किसी के बारे में तत्काल सूचना जानकारी मिल के वारिष्ठ अधिकारियों को नही दी जा सकी । घायल कर्मचारी काफी देर तक वहीं पड़ा तड़पता रहा। काफी देर बाद उसे पहले स्थानीय मिल के अस्पताल ले जाया गया, जहां प्रारंभिक उपचार के बाद उसे शहडोल स्थित एक निजी अस्पताल लाया गया। यहां कर्मचारी की नाजुक हालत को देखते हुए उसे कुछ ही समय बाद जबलपुर रेफर कर दिया गया। जहां घायल कर्मचारी मनीष सिँह की बुधवार को मौत हो गईं। जहाँ कागजी कार्यवाही एवं पोस्ट मार्टम के बाद शव को परिजनों द्वारा उत्तर प्रदेश के पैतृक गाँव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा हैं।
विदित हो कि मिल के अंदर आए दिन ऐसे हादसे मिल प्रबंधन की लापरवाही के कारण होते रहतें हैं। इस बात की जानकारी व फोटो अक्सर बाहर आमजन तक पहुंच जाती थी। जिसे देखते हुए बीते कुछ दिन पहले मिल प्रबंधन द्वारा ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों के मोबाइल रखने पर रोक लगा दी गईं हैं। जिस कारण अब किसी हादसे के घटित होने के बाद इसकी जानकारी न तो परिवार तक जल्दी पहुंच पाती हैं और न ही मिल के अन्य प्लांट में कार्यरत कर्मचारियो को ही इसका पता चल पाता हैं। बीते रात्रि हुए हादसे में भी कुछ ऐसा ही हुआ। काफी देर बाद हादसे की जानकारी परिवार तक पहुंची ।
ओरियंट पेपर मिल प्रबंधन की लापरवाही के कारण आए दिन ऐसे हादसे होते रहतें हैं। कई बार कर्मचारियों की जान तक जा चुकी हैं। लेकिन प्रबंधन द्वारा आज तक वहाँ सुरक्षा की दृष्टि से कोई कारगर उपाय नहीं किया गया है ,जिसके परिणाम स्वरूप आए दिन ऐसे हादसे होते रहतें हैं । प्रबंधन की इसी लापरवाही के कारण एक बार फिर एक युवा कर्मचारी अपनी जान गवां बैठा ।