मध्य प्रदेश के ग्वालियर से डिजिटल अरेस्ट का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस मामले में साइबर ठगों ने एक बीएसएफ के इंस्पेक्टर को 30 दिनों तक उसके घर में कैद किया और उससे 70.29 लाख रुपये ठग लिए। यह मामला अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट माना जा रहा है, जिसने ग्वालियर में और देशभर में चिंता का माहौल बना दिया है।
ठगों ने साइबर क्राइम ब्रांच का रूप धरा
ग्वालियर में बीएसएफ के इंस्पेक्टर अबसार अहमद को ठगों ने अपनी जालसाजी का शिकार बनाया। ये ठग खुद को मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर जवान को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसा देने की धमकी देते रहे। बीएसएफ इंस्पेक्टर अबसार अहमद, जो बीएसएफ टेकनपुर में पदस्थ हैं, 2 दिसंबर 2024 से 2 जनवरी 2025 तक डिजिटल अरेस्ट के जाल में फंसे रहे। इस दौरान ठगों ने उन्हें अपने चंगुल में पूरी तरह फंसा लिया और उनसे लाखों रुपये ठग लिए।
जवान को मनी लांड्रिंग के आरोप में फंसाने की धमकी
ठगों ने अबसार अहमद को यह भरोसा दिलाया कि यदि वह उनके बताए हुए खाते में पैसे ट्रांसफर कर देता है तो मामला सुलझ जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पैसे सही पाए गए तो उसे वापस कर दिया जाएगा, लेकिन अगर यह पैसे मनी लांड्रिंग में पाए गए तो सब कुछ जब्त कर लिया जाएगा और उसे जेल भी हो सकती है। इस डर के चलते जवान ने ठगों के निर्देशों का पालन करना शुरू कर दिया। वह ठगों से पैसे मांगने के लिए अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और जानने वालों से भी पैसे उधार लेने लगा।
जवान ने साइबर हेल्पलाइन पर किया संपर्क
जवान ने इस मामले के बारे में अपने बेटे से बात की, और उसके बाद बेटे ने 3 जनवरी को साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल किया। तब जाकर पता चला कि बीएसएफ के इस जवान को डिजिटल अरेस्ट किया गया था। इसके बाद जवान ने ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह से मुलाकात की और अपनी पूरी आपबीती सुनाई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच शुरू कर दी।
पुलिस ने शुरू की जांच
ग्वालियर पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए एक प्राथमिकी दर्ज की और जांच शुरू कर दी। अब तक के जानकारी के अनुसार ठगों के बारे में कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन पुलिस उनकी तलाश कर रही है। यह घटना डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों का एक बड़ा उदाहरण बन चुकी है, जो लोगों को साइबर अपराधों के प्रति सतर्क रहने की सलाह देती है।
यह मामला न केवल ग्वालियर, बल्कि पूरे देश में डिजिटल सुरक्षा के मुद्दे को और अधिक महत्वपूर्ण बना देता है। प्रशासन और पुलिस अब साइबर ठगी के इन मामलों पर गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं और लोगों को इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए जागरूक कर रहे हैं।