एक वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में रायपुर: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को केस दर्ज किया। यह मामला भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा विभाग के महालेखाकार के प्रधान कार्यालय के खिलाफ है। आरोप है कि आरोपी ने 13 जुलाई 2006 को SO पद पर ग्रेड वेतन 4800 में नौकरी शुरू की थी, और इसके बाद उसने हर साल कृषि भूमि, आवासीय भूखंड और अन्य संपत्तियों के रूप में लगभग 10 अचल संपत्तियों का अधिग्रहण किया। सीबीआई द्वारा की गई जांच में यह पाया गया है कि उसकी संपत्ति उसकी आय के स्रोतों से मेल नहीं खाती।
सीबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि उसने एक वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है और इस मामले में तलाशी भी ली गई है। सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपी भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त रहा है और जानबूझकर अपराध करके खुद को अवैध रूप से समृद्ध किया है। जांच में यह सामने आया है कि आरोपी ने अपनी आय के स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित की है। विशेष रूप से, आरोपी ने 31 अगस्त 2007 से 31 मई 2024 की अवधि में अपने और अपनी पत्नी के नाम पर कुल 3 करोड़ 89 लाख 53 हजार 980 रुपये की चल और अचल संपत्ति खरीदी है।
सीबीआई की जांच में पता चला है कि एक वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी ने 31 अगस्त 2007 से 31 मई 2024 की अवधि में अपनी सैलरी से कई गुना अधिक संपत्ति अर्जित की है। इस दौरान आरोपी की डीए (डियरनेस अलाउंस) की राशि 1 करोड़ 47 लाख 50 हजार 143 रुपये रही है। सीबीआई ने सोमवार को आरोपी के कार्यालय और आवास समेत तीन स्थानों पर रेड की कार्रवाई की है। जांच में यह खुलासा हुआ है कि आरोपी ने अपनी आय के स्रोत से मेल न खाने वाली संपत्ति जुटाई है, और इस मामले में आगे की जांच जारी है।