सोहागपुर थाना में एफआईआर दर्ज कर ली गयी है । आरोपियों में दीपक जाट, भगवान सिँह, अजय नाकुल,समेत आधा दर्जन अन्य छात्र शामिल हैं। जिनके विरुद्ध बीएन एस की धारा 296,351 (3), 115 (2), 189(2) तथा ,191(3) के तहत मामला दर्ज किया गया है ।आरोपी छात्रों द्वारा गुंडागर्दी करते हुए मेडिकल कालेज के समीप स्थित रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ व संचालक के साथ मारपीट की गयी थी । जिसका वीडियों भी शोसल मीडिया में वायरल हो रहा है ,जिसमे स्पस्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि किस तरह दर्जन भर से अधिक आरोपी छात्र एक साथ रेस्टोरेंट के अंदर धावा बोलकर तोड़फोड़ ,गाली गलौज व रेस्टोरेंट संचालक के साथ मारपीट कर रहें हैं । उनकी इस हरकत से अंदाज लगाया जा सकता है कि वह शहडोल मेडिकल कालेज में पढ़ाई करने नहीं बल्कि गुंडागर्दी करने आए हैं ।
विदित हो कि मेडिकल कालेज के समीप नंदलाल नागर द्वारा रेस्टोरेंट का संचालन किया जाता है ,आरोपी छात्रों का उक्त रेस्टोरेंट से टिफिन जाता था। महीना पूरा हो जाने के बाद जब रेस्टोरेंट संचालक द्वारा अपने पैसे की मांग की गयी तो आरोपी छात्र भड़क गये । जिसके बाद सोमवार की देर शाम दर्जन भर से अधिक छात्र रेस्टोरेंट आ धमके ,जहां गाली गलौज करते हुए संचालक श्री नागर के साथ जमकर मारपीट की । जब आरोपी छात्रों की नजर वहाँ लगे सी सी टीवी पर पड़ी तो वह रेस्टोरेंट संचालक को बंधक बनाकर किसी सूनसान जगह ले गये ,वहाँ आरोपियों ने एक राय होकर संचालक को इतनी बेरहमी के साथ पीटा की वह बेहोश हो गया ।
घटना के बाद गंभीर हालत में रेस्टोरेंट संचालक को पहले मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया लेकिन परिजनों ने यहाँ उनकी जान को ख़तरा बताया और उन्हें जिला चिकित्सालय ले जाकर भर्ती कराया । जहां उन्हें आईसीयू में भर्ती कर उपचार कराया जा रहा है ।
कालेज प्रबन्धन ने साधी चुप्पी
मेडिकल कालेज में अद्ध्यनरत छात्रो की गुंडागर्दी का वीडियो शोसल मीडिया में वायरल होने तथा आरोपी छात्रो के खिलाफ मारपीट व बलवा जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज होने के घंटो बाद भी आरोपी छात्रों को कालेज से रिस्टीकेट नहीं किया गया है ।मेडिकल कालेज प्रबंधन इस मामले में चुप्पी साध रखी है ।इस सम्बन्ध में बात करने के लिए मेडिकल कालेज के डीन डाक्टर गिरीश बी रामटेके से भी सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी ।
आरोपियों के चरित्र को लेकर उठ रहे सवाल
इस घटना के बाद आरोपियों के चरित्र को लेकर सवाल खड़े हो रहें हैं कि क्या ऐसे गुंडागर्दी करने वाले युवा डाक्टर बनने के लायक है। जब पढ़ाई के दौरान उनका ऐसा गुंडागर्दी करने वाला चरित्र है तो फिर भविष्य में वह कैसे किसी मरीज की सेवा कर सकतें हैं।उनकी इस प्रकार की गुंडागर्दी से शहडोल मेडिकल कालेज का नाम प्रदेश में कलंकित हो गया है । प्रबंधन को चाहिए कि छात्र के भेष में शहडोल मेडिकल कालेज में प्रवेश लेने वाले इन गुंडों मवालियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए ,ताकि भविष्य में फिर ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो ।