छत्तीसगढ़ में बरस रहा है मानसून का कहर, 11 जुलाई को भारी बारिश का अलर्ट
जनजीवन अस्त-व्यस्त, राहत के साथ बढ़ी चिंता
छत्तीसगढ़ में मानसून पूरी ताकत से सक्रिय हो चुका है और इसका असर राज्य के कई ज़िलों में साफ़ नज़र आ रहा है। बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर जैसे इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत तो मिली है, लेकिन सामान्य जीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है।
बारिश की तीव्रता को देखते हुए मौसम विभाग ने 11 जुलाई को कई ज़िलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जिन ज़िलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, उनमें दुर्ग, रायपुर, बेमेतरा, बालोद, धमतरी, गरियाबंद, बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर और कोरिया शामिल हैं।
नदी में उफान, सड़कों पर रुक गया आवागमन
लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते बलौदा बाजार ज़िले के सिमरिया घाट पुल पर नदी का जलस्तर करीब 5 फीट तक बढ़ गया है। तेज बहाव के कारण नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है, जिससे भाटापारा से बिलासपुर जाने वाला मुख्य मार्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
राज्य के अन्य हिस्सों में भी निचले इलाकों में पानी भर गया है और लोगों को आवागमन में काफी कठिनाई हो रही है।
मौसम तंत्र में बना है चक्रवाती परिसंचरण
पश्चिम बंगाल और झारखंड क्षेत्र में बना हुआ कम दबाव का क्षेत्र अब धीरे-धीरे कमजोर होता दिखाई दे रहा है। लेकिन इसके साथ जुड़ा हुआ चक्रवाती परिसंचरण अभी भी दक्षिण झारखंड और उसके आस-पास के इलाकों पर सक्रिय बना हुआ है। इसका प्रभाव छत्तीसगढ़ के मौसम पर भी साफ देखने को मिल रहा है।
तापमान में आंशिक उतार-चढ़ाव
बारिश के इस दौर में तापमान में भी बदलाव देखा गया है। राज्य में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री सेल्सियस पेण्ड्रा रोड में रिकॉर्ड किया गया, जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 20.0 डिग्री सेल्सियस राजनांदगांव में दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार 11 से 14 जुलाई के बीच तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है।
सावधानी जरूरी, प्रशासन सतर्क
भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने राहत एवं बचाव दलों को सतर्क कर दिया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।
इस बीच राज्यवासियों को सलाह दी गई है कि वे बिना आवश्यकता के घर से बाहर न निकलें और मौसम संबंधी अपडेट पर ध्यान दें। आगामी दिनों में बारिश की रफ्तार और तेज़ हो सकती है, ऐसे में सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।