गौशालाओं के लिए सीएम मोहन यादव की बड़ी सौगात, 90 करोड़ की अनुदान राशि जारी
मध्य प्रदेश में गोसेवा और गौशाला प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा एक विशेष कदम उठाया गया है। शुक्रवार, 20 जून को भोपाल स्थित सीएम आवास पर प्रदेश स्तरीय गौशाला सम्मेलन का आयोजन किया गया, जहां मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश के गौपालकों और गौशाला संचालकों से सीधा संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने लगभग 90 करोड़ रुपये की अनुदान राशि सीधे संबंधित खातों में अंतरित की।
सीएम निवास से हुआ संवाद
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में गौशालाओं के संचालन में पारदर्शिता और सहायता को बढ़ावा देना रहा। सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शासकीय और अशासकीय गौशाला प्रतिनिधियों से सीधे संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं। कार्यक्रम में पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्य मंत्री लखन पटेल भी उपस्थित रहे।
गौवंश के अनुदान में हुआ बड़ा बदलाव
पशुपालन और डेयरी विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने जानकारी दी कि राज्य सरकार गौशालाओं में रह रहे गोवंश के लिए अनुदान राशि को दोगुना करने जा रही है।
अब तक जो राशि 20 रुपये प्रति गोवंश प्रति दिन दी जा रही थी, उसे बढ़ाकर 40 रुपये प्रति गोवंश प्रति दिन किया जा रहा है।
इसी योजना के अंतर्गत अप्रैल और मई 2025 की अनुदान राशि के रूप में 90 करोड़ रुपये की किस्त जारी की गई है।
गोसेवा करने वालों को मिलेगा पुरस्कार
सम्मेलन में “आचार्य विद्यासागर जीव दया गोसेवा सम्मान योजना” के अंतर्गत चुनी गई गौशालाओं और संस्थाओं को सम्मानित भी किया जाएगा।
इस योजना के तहत:
- प्रथम पुरस्कार – ₹5 लाख
- द्वितीय पुरस्कार – ₹3 लाख
- तृतीय पुरस्कार – ₹2 लाख
- सांत्वना पुरस्कार – ₹50-50 हजार
इसके अलावा व्यक्तिगत श्रेणी में:
- प्रथम पुरस्कार – ₹1 लाख
- द्वितीय पुरस्कार – ₹50 हजार
- तृतीय पुरस्कार – ₹20 हजार
गोसेवा को मिलेगा नया आयाम
सरकार का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक सहायता देना ही नहीं, बल्कि गोसेवा को एक सम्मानजनक सामाजिक अभियान के रूप में स्थापित करना है। गौशालाओं की बेहतर देखरेख, स्वच्छता, स्वास्थ्य प्रबंधन और संसाधनों की उपलब्धता को लेकर भी राज्य सरकार गंभीर नजर आ रही है।
निष्कर्ष
इस सम्मेलन के जरिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट कर दिया कि गौशालाओं की उन्नति और गोसेवा राज्य की प्राथमिकताओं में शामिल है। 90 करोड़ रुपये की यह सहायता न केवल गोवंश की देखभाल को मजबूती देगी, बल्कि गौपालकों को भी एक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगी। सरकार की यह पहल पशुपालन क्षेत्र में एक नई मिसाल साबित हो सकती है।