भारी बारिश के कारण मध्य प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। 15 जिलों में बाढ़ की समस्या सामने आई है। राहत और बचाव के लिए विभिन्न एजेंसियां तैनात की गई हैं। ग्वालियर जिले की डबरा तहसील के ग्राम सेंकरा और खेड़ीरायमल में फंसे 125 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि 400 लोग अभी भी विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। स्थिति को देखते हुए राहत कार्यों को तेज किया जा रहा है।
ग्वालियर जिला प्रशासन, जनपद पंचायत और एसडीआरएफ की संयुक्त टीमों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन किया है। हैदराबाद से आई एनडीआरएफ की टीम की मदद की आवश्यकता नहीं पड़ी। अब तक, ग्वालियर जिले के विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 525 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और उन्हें अस्थायी राहत शिविरों में रखा गया है। इन शिविरों में खाद्य पदार्थों और दवाओं की पूरी व्यवस्था की गई है। प्रशासन जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर निगरानी कर रहा है। डबरा तहसील में लगभग 400 लोग अभी भी फंसे हुए हैं, जिनका रेस्क्यू किया जाना बाकी है।
गुरुवार को मध्य प्रदेश के 15 जिलों—पन्ना, श्योपुर, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, भिंड, छिंदवाड़ा, शिवपुरी, गुना, सागर, बालाघाट, राजगढ़, रायसेन, नरसिंहपुर और दमोह—में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। इन जिलों में एसडीईआरएफ (State Disaster Emergency Response Force) द्वारा खोज और बचाव ऑपरेशन चलाया जा रहा है, ताकि प्रभावित लोगों की मदद की जा सके और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
एनडीआरएफ की टीमें विभिन्न स्थानों पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। एक टीम टीकमगढ़ से डबरा, ग्वालियर पहुंच गई है, जबकि दूसरी टीम छतरपुर से टीकमगढ़ पहुंच चुकी है। तीसरी टीम जबलपुर से बालाघाट में राहत कार्य कर रही है। एक टीम डिंडौरी और एक टीम भोपाल के लिए आरक्षित है। इसके अतिरिक्त, दो और टीमें ग्वालियर के लिए रवाना हो चुकी हैं, ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से सहायता प्रदान की जा सके।