बीते दिनों परिवहनकर्ताओ एवं कालरी प्रबंधन के बीच कोयला लास (क्षति) के कारण भुगतान में की जाने वाली कटौती को लेकर हुई वार्ता में सकारात्मक निर्णय नहीं लिए जाने के बाद आज फिर से संयुक्त परिवहन संघ एसईसीएल बिलासपुर के प्रतनिधियों व कालरी प्रबंधन के बीच इसे लेकर वार्ता हुई ,लेकिन आज भी कोई समाधान नहीं निकलने के कारण यह वार्ता भी विफल रही । जानकारों के अनुसार बुढार सायडिंग में कोयला नहीं पहुचने के कारण कालरी प्रबंधन को प्रतिदिन करीब चार करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान उठाना पडेगा ।
क्यों परिवहन किया गया बंद
संयुक्त परिवहन संघ सोहागपुर क्षेत्र के संयोजक महीप सिंह बघेल ने बताया कि सोहागपुर क्षेत्र की विभिन्न माइंस से प्रतिदन हम परिवहन कर्ताओं द्वारा कोयला लोड करके उसे बुढार सायडिंग तक पहुंचाया जाता है । विभिन्न माइंस से बुढार सायडिंग की अलग अलग दूरियां हैं । इस दौरान खदान से निकला हुए गीले कोयले की लोडिंग और परिवहन स्थल बुढार सायडिंग तक पहुँचने में पाने सूख जाता है । साथ ही कुछ कोयला सड़क के गड्ढो के कारण कई बार गिर भी जाता है ,इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है ।
कुछ कम हो जाता है वजन
ऐसी स्थिति में माइंस से लोडिंग एवं गंतव्य तक पहुचने तक कोयले का कुछ वजन कम हो जाता है । इसका दोष कालरी प्रबंधन द्वारा हम परिवहनकर्ताओ पर मढ़ते हुए भुगतान के समय एक बड़ी राशि काट ली जा रही है । पिछले एक वर्ष से इसी तरह हठ धर्मिता कालरी प्रबन्धन द्वारा की जा रही है । पूर्व में हम लोगों ने प्रबंधन के समक्ष जाकर इसका विरोध भी दर्ज कराया था , साथ ही कहा था कि अगर लास के नाम पर इतनी अधिक राशि हमारे भुगतान से काटी गयी तो हम लोग कैसे कालरी का काम कर पाएंगे । श्री सिंह ने आगे बताया कि इसलिए हम लोगों ने यह कहा था कि अगर परिवहन के दौरान सायडिंग तक पहुचने में कोयले का वजन कुछ कम होता है तो इसमें हमारा कोई दोष नहीं है ।
इसके बावजूद बीच का रास्ता निकालते हुए हम परिवहन कर्ता इस बात पर राजी हो गये थे कि जायज राशि हमें किए जाने वाले भुगतान से काट ली जाए । इसके बावजूद कोयला लास (क्षति) के नाम पर अनाप शनाप राशि हमारे भुगतान से काटी जा रही थी । आज इस सम्बन्ध में हम लोग फिर से कालरे प्रबंधन के समक्ष वार्ता के लिए गये थे ,लेकिन आज की वार्ता भी पूर्व की तरह विफल रही । जिसके बाद हम लोगों ने आज से माइंस से बुढार सायडिंग तक किए जाने वाले कोयले के परिवहन को बंद कर दिया है ।
करीब 4 करोड़ के कोयले का परिवहन
जानकारी के अनुसार सोहागपुर क्षेत्र की विभिन्न माइंस से प्रतिदिन सौ से एक सौ पचास ट्रकों के माध्यम से बुढार सायडिंग तक कोयला पहुंचाया जाता था । जहा से हर दिन दो मालगाड़ियों में लोड होने केबाद यह कोयला आगे जहां तहां भेजा जाता था । जिसकी अनुमानित कीमत लग भाग चार करोड़ रुपए से भी ऊपर होती है । ऐसी स्थिति में अगर माइंस से बुढार सायडिंग तक कोयला परिवहन बंद रहा तो हर दिन दो रैक करीब आठ हजार मीट्रिक टन कोयले की कीमत करीब चार करोड़ रुपए के हिसाब से कालरी प्रबन्धन को राजस्व का नुक्सान उठाना पडेगा । साथ ही प्रोडक्शन नियमित होने और माइंस से कोयला नहीं उठने के कारण वहाँ की व्यवस्था पर भी असर पडेगा ,क्योंकी वहाँ कोयले का पहाड़ खडा हो जाएगा या फिर इन माइंस से कोयला उत्वपादन कम करना पडेगा । वरना उनके स्टाक की समस्या भी सामने आ सकती है । इस सम्बन्ध में बात करने के लिए महाप्रबंधक सोहागपुर क्षेत्र से भी सम्पर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी ।