मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज 10 अक्टूबर को पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के ‘सम्पदा 2.0’ सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया । यह कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हुआ । वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवडा ने बताया कि संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की दिशा में यह राज्य सरकार का महत्वपूर्ण कदम है। प्रदेश में रजिस्ट्रियों के नए नियम लागू किए गए हैं। इस उन्नत सॉफ्टवेयर का पायलट प्रोजेक्ट गुना, हरदा, डिण्डौरी और रतलाम जिलों में सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है, और आज गुरुवार से सभी 55 जिलों में लागू किया जाएगा।
सम्पदा 2.0 से ई-केवाइसी के माध्यम से पहचान
‘सम्पदा 2.0’ के अंतर्गत ई-केवाइसी के माध्यम से पहचान होगी। इसकी विशेषताओं में संपत्ति की जीआईएस मैपिंग, बायोमैट्रिक पहचान, और दस्तावेजों का स्वतः प्ररूपण शामिल है। इस प्रणाली में दस्तावेजों का निष्पादन ई-साइन और डिजिटल सिग्नेचर से किया जाएगा, जिससे गवाहों की उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। कुछ दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए अब उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी। पंजीयन अधिकारी से बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जाएगी, और कई मामलों में किसी भी प्रकार के इंटरैक्शन की आवश्यकता नहीं होगी। व्यक्ति की पहचान के लिए वीडियो केवाईसी का प्रावधान भी शामिल है।
ई-साइन और डिजिटल हस्ताक्षर से दस्तावेज का निष्पादन
पंजीकरण के लिए दस्तावेजों का निष्पादन ई-साइन और डिजिटल हस्ताक्षर से किया जाएगा। दस्तावेजों की ई-कॉपी डिजी लॉकर, व्हाट्सएप, और ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध होगी। इसके अलावा, ई-स्टाम्प बनाने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। संपत्ति की सर्च प्रक्रिया को भी अधिक सरल बना दिया गया है।
सम्पदा 2.0 – विशेष मोबाइल एप
‘सम्पदा 2.0’ का एक विशेष मोबाइल एप भी लॉन्च किया गया है। यह नवाचार न केवल आम जनता के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि मध्यप्रदेश को ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनाने में मदद करेगा। यह पहल साइबर तहसील और डिजिटल प्रक्रियाओं के माध्यम से प्रदेश के राजस्व संग्रहण को भी सुचारू रूप से संचालित करेगी।