बुधवार शाम एक दिल दहलाने वाली घटना मध्य प्रदेश के ग्वालियर में घटी, जब सरकारी जमीन पर भैंस बांधने को लेकर दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हो गया। इस दौरान जमकर गोलियां चलीं, जिससे एक परिवार के दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वारदात के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए, जिससे इलाके में दहशत फैल गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
घटना महाराजपुर थाना क्षेत्र के ग्रीनवुड स्कूल के पास आदित्यपुरम, बीपी सिटी के पास की है, जहां रायसिंह गुर्जर का परिवार रहता है। उनके घर के पास एक सरकारी जमीन है, जिस पर भैंस बांधने को लेकर आए दिन पड़ोसी विष्णु गुर्जर से विवाद होता रहता था। मंगलवार को इसी विवाद के चलते विष्णु गुर्जर ने रायसिंह की पत्नी के साथ गाली-गलौज की। उस समय रायसिंह घर पर मौजूद नहीं थे, जिससे विवाद और बढ़ गया।
भैंस बांधने के विवाद को लेकर बुधवार सुबह विष्णु गुर्जर अपने साथियों छिन्ना, परमाल, अर्जुन और अन्य लोगों के साथ रायसिंह के घर पहुंचा और परिवार पर हमला कर दिया। आरोपियों ने जमकर फायरिंग की, जिसमें रायसिंह का बेटा गौरव घायल हो गया। गौरव को बचाने पहुंचे उसके दादा कैलाश को भी गोली लगी, जिससे वह भी घायल हो गए। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुके थे। पुलिस ने घायलों को अस्पताल भिजवाया, जहां फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
रायसिंह गुर्जर ने बताया कि जब वे निमंत्रण में गए थे, उसी दौरान विष्णु अपने साथियों के साथ उनके घर पहुंचा और उनकी पत्नी को गाली-गलौज करने लगा। विष्णु शराब के नशे में था। जब रायसिंह ने सुबह इस बारे में विष्णु से सवाल किया तो वह मारपीट पर उतर आया और हाथापाई की। यह विवाद यहीं नहीं रुका, बाद में विष्णु और उसके साथी रायसिंह के बस की ताल पर पहुंचे और वहां उनके बेटे से भी मारपीट की। आरोप है कि 8 से 10 लोगों ने मिलकर फायरिंग की, जिससे रायसिंह के परिवार के दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
रायसिंह गुर्जर ने बताया कि जब उन्होंने झगड़ा रोकने की कोशिश की, तो आरोपियों के साथ 8-9 और लोग भी थे। सभी ने अचानक ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी और उनके परिवार को निशाना बनाकर गोलियां चलाईं। इस फायरिंग में उनके बेटे गौरव के पैर में गोली लगी, जबकि उनके रिश्तेदार कैलाश गुर्जर के हाथ में गोली लगी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रायसिंह का कहना है कि दूसरे पक्ष के लोग आपराधिक प्रवृत्ति के हैं और पहले भी कई गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। यह पूरा विवाद भैंस बांधने को लेकर हुआ था।