छत्तीसगढ़ में वनरक्षक भर्ती रद्द करने की मांग; अभ्यर्थियों ने DFO को सौंपी रिपोर्ट, जानें वजह
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है, जहां 98 वनरक्षक भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगा है। इस मुद्दे पर अभ्यर्थियों ने नोडल अधिकारी (डीएफओ कोरिया) को रिपोर्ट सौंपकर भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की है। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला और क्यों अभ्यर्थी इस भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
भर्ती प्रक्रिया में आरोप
कोरिया जिले में वनरक्षक भर्ती प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगाए गए हैं। कोरिया वनमंडल में 35, मनेंद्रगढ़ वनमंडल में 37 और टाइगर रिजर्व में 26 वनरक्षकों की भर्ती होनी थी। इस भर्ती के दौरान अभ्यर्थियों ने नोडल अधिकारी (डीएफओ कोरिया) को पत्र सौंपा और इसमें आरोप लगाया कि फिजिकल टेस्ट के दौरान वन अधिकारी और उनके रिश्तेदार भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए थे। इस बारे में शिकायत करते हुए उन्होंने वनमंत्री, पीसीसीएफ, और सीसीएफ सरगुजा को भी पत्र की एक कॉपी भेजी है।
फिजिकल टेस्ट में गड़बड़ी
मनेंद्रगढ़ वनमंडल और गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में वनरक्षकों के 98 रिक्त पदों पर भर्ती करने के लिए हैदराबाद की एक कंपनी को ठेका दिया गया था। कंपनी ने शारीरिक दक्षता परीक्षण के लिए कोरिया जिले के चरचा के महाजन स्टेडियम में हाइटेक मशीनों का उपयोग किया था। इस परीक्षण में 12 हजार अभ्यर्थियों में से करीब आधे ही शामिल हुए थे। लेकिन, अभ्यर्थियों ने इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि कई वन अधिकारी और स्टाफ के रिश्तेदार भी इस प्रक्रिया में शामिल हुए थे।
रिश्वत और नियमों का उल्लंघन
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि ड्यूटी में तैनात एक वनपाल ने अपने दो पुत्रों के लिए लंबी कूद और गोला फेंक के अंक बढ़वाए। यह नियमों का उल्लंघन था, क्योंकि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को अपने रिश्तेदार के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षण कराने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा, एक वनरक्षक ने मनेंद्रगढ़ वनमंडल के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षण दिया था, जहां उसके अंक 45 थे, लेकिन गुरु घासीदास नेशनल पार्क की भर्ती प्रक्रिया में उसे 70 अंक मिले। यह भी नियमों का उल्लंघन था, क्योंकि भर्ती के नियमों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एक अभ्यर्थी केवल एक वनमंडल से शारीरिक परीक्षण में शामिल हो सकता है।
डीएफओ का बयान
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए डीएफओ ने कहा कि अगर कोई अभ्यर्थी दो जगहों से वनरक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुआ होगा, तो उसकी भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान कोरिया वन मंडल क्षेत्र में 61 हाथी और 4 टाइगर विचरण कर रहे थे, जिससे स्टाफ की ड्यूटी में कमी आ गई थी। इस कारण वनरक्षक भर्ती प्रक्रिया में रिश्तेदारों के शामिल होने की जानकारी उन्हें नहीं थी।
इस विवाद को लेकर अभ्यर्थियों ने अब मांग की है कि भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर पुनः शारीरिक परीक्षण कराया जाए, ताकि सभी को निष्पक्ष अवसर मिले।