ओडिशा के पूर्व मंत्री के बेटे सहित 35 हिरासत में; पूर्व सीएम ने लिखा सीएम साय को पत्र, जानें मामला
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के सरायपाली और सांकरा पुलिस ने ओडिशा के पूर्व मंत्री नबा दास के बेटे विशाल दास समेत लगभग 35 लोगों को रात में हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों को अलग-अलग थानों में रखा गया है। इनमें कई सरपंच, समिति के सदस्य और पंच शामिल हैं, जो आज किरमिरा ब्लॉक अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले थे। इस घटनाक्रम को लेकर ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मामले पर चिंता जताई है।
क्या है पूरा मामला?
महासमुंद जिले की सरायपाली और सांकरा पुलिस ने ओडिशा के पूर्व मंत्री नबा दास के बेटे विशाल दास सहित 35 लोगों को हिरासत में लिया। ये सभी लोग आज किरमिरा ब्लॉक के अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में हिस्सा लेने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हिरासत में लिए गए लोगों में सरपंच, पंच और समिति के सदस्य भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी लोग सरायपाली घूमने आए थे और रात करीब 11 बजे ओडिशा के लैकेरा पुलिस ने उन्हें झूठे आरोपों में गिरफ्तार कर लिया। बाद में, इन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस के हवाले कर दिया गया।
ग्राम पंचायत बनपाली ओडिशा के सरपंच तपी मरैई का कहना है कि उन्हें और उनके साथियों को बिना किसी ठोस कारण के गिरफ्तार किया गया। उनका आरोप है कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक दबाव में की गई है। बीजेडी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है और इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया है।
सीएम साय को लिखी गई पत्र
इस मामले को लेकर ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को एक पत्र लिखा। पत्र में पटनायक ने कहा कि इन लोगों को अविश्वास प्रस्ताव में भाग लेने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री साय से अपील की है कि इस मामले पर गौर करें और हिरासत में लिए गए लोगों को तुरंत रिहा करें। साथ ही, उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि रिहाई के बाद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और ओडिशा सीमा पर उनका सुरक्षित लौटना सुनिश्चित किया जाए। हिरासत में लिए गए लोगों में कई महिला सदस्य भी शामिल हैं, जो इस गिरफ्तारी से परेशान हैं।
इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है, और अब यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।