Makar Sankranti: नये अवसरों और सकारात्मकता का प्रतीक
Makar Sankranti वह दिन है, जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन को उत्तरायण (Uttarayan) भी कहा जाता है, जो अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ने का प्रतीक है। यह पर्व एक नई शुरुआत, आत्मविश्वास, और सकारात्मक ऊर्जा का संकेत देता है। तो आइए, जानते हैं मकर संक्रांति के महत्व, इतिहास और इसे मनाने के तरीकों के बारे में विस्तार से।
Makar Sankranti का इतिहास और धार्मिक महत्व
Makar Sankranti का इतिहास बहुत प्राचीन है। यह त्योहार वैदिक काल से जुड़ा हुआ है और हिंदू धर्म में इसका खास स्थान है। मकर संक्रांति उस दिन को कहते हैं जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन को विशेष रूप से सूर्य पूजा का दिन माना जाता है, क्योंकि सूर्य देव को जीवन के स्रोत और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है।
हिंदू धर्म के अनुसार, इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनिदेव के घर जाते हैं, और इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह एक पवित्र और शुभ दिन होता है। इसे Uttarayan कहा जाता है, जो सूर्य के दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने का संकेत है। यह यात्रा सकारात्मकता और नये अवसरों की ओर इंगीत करती है।
इतिहास के पन्नों में, महाभारत के समय भीष्म पितामह ने मोक्ष प्राप्ति के लिए मकर संक्रांति के दिन को चुना था, जो इस दिन के religious significance को और भी बढ़ाता है। यह दिन पितृभक्ति का प्रतीक भी है, क्योंकि इसे खास तौर पर अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने का दिन माना जाता है।
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Makar Sankranti के विभिन्न तरीके
Makar Sankranti भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाई जाती है। हर राज्य में इस दिन की मान्यता और उत्सव का तरीका अलग है, लेकिन सभी जगह इस दिन को खुशी, समृद्धि और नये अवसरों के आगमन के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं कैसे विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति मनाई जाती है:
- गुजरात: गुजरात में मकर संक्रांति को Uttarayan के रूप में मनाया जाता है। यह दिन खासकर पतंगबाजी के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन लोग आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को उड़ाते हैं और आस-पास के लोग एक दूसरे से मिलकर खुशियाँ साझा करते हैं। पतंग उड़ाना एक पारंपरिक खेल है और इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
- पंजाब: पंजाब में मकर संक्रांति को लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन खासकर किसानों के लिए खुशी का दिन है, क्योंकि यह फसल की शुरुआत का प्रतीक है। लोग इस दिन आग जलाकर उसमें तिल, गुड़, मूंगफली और रेवड़ी डालते हैं और एक-दूसरे को लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हैं।
- तमिलनाडु: तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार खासतौर पर सूर्य देव की पूजा करने के लिए मनाया जाता है। लोग इस दिन अपने घरों में मीठे चावल पकाकर सूर्य देव को अर्पित करते हैं। यह दिन एक नई फसल के आगमन का प्रतीक है और इसे फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
- उत्तर भारत: उत्तर भारत में मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान-दक्षिणा का विशेष महत्व है। लोग इस दिन गंगा नदी में स्नान करने जाते हैं और गरीबों को तिल, गुड़, कपड़े आदि दान करते हैं। इस दिन को पुण्य अर्जन के दिन के रूप में मनाया जाता है।
- महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में मकर संक्रांति के दिन खासतौर पर तिल-गुड़ के लड्डू बनाए जाते हैं। लोग एक-दूसरे को इन लड्डुओं से तौफे देते हैं और कहते हैं, “तिल गुड़ घ्या, आणि गोड-गोड बोला!” जिसका अर्थ है “तिल और गुड़ खाओ, और मीठे शब्दों से रिश्तों को मजबूत करो।”
Makar Sankranti के दिन क्या करें और क्या न करें
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Makar Sankranti के दिन कुछ विशेष कार्यों को करने का महत्व है, जिससे इस दिन का लाभ और पुण्य मिलता है। आइए जानते हैं कि इस दिन हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं:
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क्या करें:
- स्नान और पूजा: मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें। यह दिन विशेष रूप से सूर्य उपासना का है, और इसे पूजा से शुरू करना शुभ माना जाता है।
- दान और परोपकार: इस दिन तिल, गुड़, कपड़े और अनाज का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। यह पुण्य का कार्य है और इससे व्यक्ति को जीवन में समृद्धि और सुख मिलता है।
- खिचड़ी और तिल-गुड़: इस दिन खासतौर पर खिचड़ी और तिल-गुड़ के लड्डू बनाए जाते हैं। इसे आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ बांट सकते हैं।
क्या न करें:
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- मांझा और प्लास्टिक से बचें: पतंग उड़ाते समय यह ध्यान रखें कि मांझा पर्यावरण-friendly हो और प्लास्टिक का उपयोग न करें, क्योंकि यह प्रदूषण का कारण बनता है।
- धार्मिक कार्यों में शोर न करें: धार्मिक कार्य करते समय शांति बनाए रखें और शोर-शराबे से बचें। यह समय शांति और समर्पण का होता है, इसलिए अपनी गतिविधियों को ध्यानपूर्वक करें।
- प्राकृतिक संसाधनों का ध्यान रखें: इस दिन प्राकृतिक संसाधनों का ध्यान रखें, जैसे कि पानी की बचत करें और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाली चीजों से बचें।
मकर संक्रांति के महत्व को समझते हुए
मकर संक्रांति का त्योहार सिर्फ एक Hindu festival नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा समय है जब हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित होते हैं। यह दिन हमें यह सिखाता है कि हमें अपने पुरानी आदतों और मानसिकता को छोड़कर नयी शुरुआत करनी चाहिए। यह दिन हमें आत्मविश्वास और नई ऊर्जा से भरपूर कर देता है, ताकि हम अपनी चुनौतियों का सामना कर सकें और आगे बढ़ सकें।
समापन
तो दोस्तों, मकर संक्रांति का यह पर्व न केवल हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का हिस्सा है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मकता और नई ऊर्जा का संचार करता है। यह हमें एक नई दिशा, नई सोच और नये अवसरों का अहसास कराता है।
हम उम्मीद करते हैं कि इस Makar Sankranti के अवसर पर आप सभी को ढेर सारी खुशियाँ और समृद्धि मिले। इस दिन को अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाएं और जीवन में नयी शुरुआत की ओर कदम बढ़ाएं।