आतिशी का गहरा कनेक्शन बनारस और पूर्वांचल से है। वह काशी की बहू हैं और उनके पति प्रवीण सिंह मूलरूप से मिर्जापुर के अनंतपुर गांव के निवासी हैं। प्रवीण का परिवार लंबे समय से वाराणसी के लंका क्षेत्र में निवास कर रहा है। पति प्रवीण समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय हैं और उनका करियर आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग और आईआईएम अहमदाबाद से मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद सामाजिक कार्यों की दिशा में मुड़ गया है। आतिशी और प्रवीण की शादी 2006 में बनारस में बड़े धूमधाम से हुई थी।
आतिशी का बनारस और पूर्वांचल से गहरा नाता है। बनारस, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, उनका स्थायी ठिकाना रहा है, खासकर दिल्ली की सक्रिय राजनीति में आने से पहले। प्रवीण का परिवार वाराणसी के लंका क्षेत्र में रह रहा है, लेकिन उनकी जड़े मिर्जापुर के अनंतपुर गांव से हैं। आतिशी की शादी के बाद उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनारस और पूर्वांचल से जुड़ गया।
प्रवीण सिंह का समाज सेवा के प्रति लगाव उनके शैक्षणिक पृष्ठभूमि से स्पष्ट है। उन्होंने IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर IIM अहमदाबाद से मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की। उच्च शिक्षा के बाद, उन्होंने समाज सेवा को अपना जीवन का उद्देश्य बना लिया। उनके समाज कार्य में संलग्न होने का कारण, उनके और आतिशी के बीच वैचारिक समानता है। दोनों ने ग्रामीण विकास, कृषि सुधार और सामाजिक उत्थान के लिए मिलकर काम किया है।
आतिशी और प्रवीण की मुलाकात सामाजिक कार्यों के दौरान हुई थी। आतिशी, जिन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की और फिर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अध्ययन किया, ने प्रवीण से सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में ही मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद, दोनों के बीच एक गहरा संबंध बन गया और उन्होंने एक साथ सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहना शुरू कर दिया। दोनों की शादी 2006 में बनारस में धूमधाम से हुई, जो कि एक सांस्कृतिक और पारंपरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण घटना थी।
शादी के बाद, आतिशी और प्रवीण ने मिलकर समाज सेवा और ग्रामीण विकास में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनके काम का फोकस मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी सुविधाओं में सुधार और कृषि विकास पर रहा। उन्होंने स्थानीय किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए विभिन्न परियोजनाओं का नेतृत्व किया और ग्रामीण शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए काम किया। उनके सामाजिक कार्यों में, उन्होंने ग्रामीण महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए भी कई पहल की हैं।
आतिशी और प्रवीण की जोड़ी ने समाज में एक सकारात्मक प्रभाव डाला है। उनके संयुक्त प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में कई विकासात्मक परियोजनाओं को गति मिली है। उन्होंने न केवल कृषि सुधार के लिए काम किया बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दोनों का मानना है कि समाज की असली उन्नति तब ही संभव है जब उसके प्रत्येक वर्ग के लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया जाए और उन्हें समुचित अवसर दिए जाएं।
प्रवीण सिंह ने समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी ऊर्जा और संसाधन पूरी तरह से समर्पित कर दिए हैं। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा का उपयोग समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए किया है और इस दिशा में कई प्रभावशाली काम किए हैं। आतिशी और प्रवीण की इस जोड़ी ने सामाजिक और ग्रामीण विकास की दिशा में अपनी भूमिका को एक नए स्तर पर पहुंचाया है। उनके कार्यों से यह स्पष्ट है कि उन्होंने समाज में स्थायी परिवर्तन लाने के लिए अपनी पूरी ताकत और प्रतिबद्धता लगाई है।
आतिशी और प्रवीण का जीवन हमें यह सिखाता है कि सही दिशा और सच्ची निष्ठा के साथ किया गया काम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। उनके अनुभव और काम का क्षेत्र समाज के विभिन्न पहलुओं को छूता है और इससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलती है कि वे समाज के उत्थान के लिए अपनी भूमिका निभाएं।