देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उन्हें नई खेती तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा ।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली द्वारा सिकराय तहसील के ग्राम गिरधारीपुरा में एक प्रक्षेत्र दिवस और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों को मुफ्त बीज और कृषि उपकरण भी दिए गए। यह कार्यक्रम राजस्थान सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और नवीनतम कृषि तकनीकों से अवगत कराना था।
कृषि यंत्र और बीज से उत्पादकता में होगी बढ़ोतरी
इस कार्यक्रम में उपयोजना के नोडल अधिकारी डॉ. महेश चंद मीना ने कहा कि यह आयोजन किसानों के लिए महत्वपूर्ण है। कृषि यंत्रों और बीजों का वितरण किसानों को बेहतर उत्पादकता हासिल करने में मदद करेगा। पूसा संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राम स्वरूप बाना ने जल संरक्षण की तकनीकों और आधुनिक खेती के नए तरीकों के बारे में जानकारी दी, urging farmers to adopt these techniques for better yields.
प्रशिक्षण में दी गई जानकारी
प्रशिक्षण कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ. गोगराज सिंह जाट ने सब्जियों की खेती के वैज्ञानिक तरीकों पर जोर दिया, बताते हुए कि उन्नत खेती से किसानों की आय कैसे बढ़ सकती है। कृषि अभियांत्रिकी वैज्ञानिक डॉ. सतीश ने आधुनिक मशीनों के उपयोग के लाभ बताए, यह बताते हुए कि मशीनों के सही उपयोग से समय और मेहनत दोनों की बचत होगी।
इसके अलावा, डॉ. नित्या चंद्रन ने कीट नियंत्रण के उपायों पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ. अनामिका ठाकुर ने अनाज प्रसंस्करण की तकनीकों के बारे में बताया, जिससे किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा।
सरकारी योजनाओं की जानकारी
कार्यक्रम में राजस्थान सरकार के संयुक्त निदेशक उद्यान डॉ. अतर सिंह ने किसानों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी, जैसे कि पॉली हाउस, बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति, और फलदार बगीचे। उन्होंने परंपरागत खेती के स्थान पर नकदी फसल उगाने की सलाह दी, urging farmers to take full advantage of new schemes and grants to enhance their agricultural activities.
इस तरह के कार्यक्रम न केवल किसानों को नई तकनीकों से अवगत कराते हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी सहायक होते हैं। जैविक और तकनीकी खेती को अपनाकर, किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं और समग्र कृषि उत्पादन को भी बढ़ा सकते हैं।