किसानों की आय और फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार और कृषि वैज्ञानिक मिलकर काम कर रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं, धान, मक्का, जौ, सरसों आदि की उच्च पैदावार वाली किस्में विकसित की हैं।भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली ने “पूसा सरसों 32” नामक उन्नत सरसों की किस्म विकसित की है। यह किस्म सिंचित परिस्थितियों और समय पर बुआई के लिए उपयुक्त है।
पूसा सरसों 32 की विशेषताएं:
1. जोन-2 के लिए उपयुक्त।
2. उच्च पैदावार और रोग प्रतिरोधी।
3. पकने का समय: 132-145 दिन।
4. औसत उपज: 27.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
5. अधिकतम उपज क्षमता: 33.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
6. तेल की मात्रा: 38%।7. जल तनाव के प्रति सहिष्णु। Llp
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने HQPM-28 नामक एक नई मक्का की किस्म विकसित की है, जो बुंदेलखंड क्षेत्र, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए उपयुक्त है।
HQPM-28 की विशेषताएं:
1. उच्च पैदावार वाली और पोषण गुण में सुधार।
2. प्रमुख रोगों और कीटों के प्रति प्रतिरोधी।
3. औसत उपज: 141 क्विंटल प्रति एकड़।
4. अधिकतम उपज क्षमता: 220 क्विंटल प्रति एकड़।
5. बुआई के 60-70 दिन बाद कटाई के लिए तैयार।6. प्रोटीन में समृद्ध (8.7%)।