आजकल किसान परंपरागत खेती से हटकर नयी और लाभकारी खेती की ओर बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में पैशन फ्रूट (Passion Fruit) की खेती काफी लोकप्रिय हो रही है, जो किसानों के लिए मुनाफे का एक शानदार जरिया बन सकता है। एक बार इसकी बेल लगाने के बाद किसान 10 सालों तक इससे कमाई कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इस खेती के फायदे और तरीका।
पैशन फ्रूट की खेती: दक्षिण अमेरिका से भारत तक का सफर
पैशन फ्रूट की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में हुई थी, लेकिन अब इसकी खेती भारत में भी बड़े पैमाने पर हो रही है। नागालैंड, असम, मणिपुर जैसे उत्तर-पूर्वी राज्यों में इसकी खेती की जा रही है। इसे भारत में कई जगह ‘कृष्णकमल’ के नाम से भी जाना जाता है। किसान अब पारंपरिक खेती से हटकर विदेशी फलों की खेती में रुचि दिखा रहे हैं, जिनमें पैशन फ्रूट एक महत्वपूर्ण विकल्प है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे एक बार लगाकर 10 सालों तक पैदावार ली जा सकती है।
पैशन फ्रूट की बढ़ती डिमांड और पोषक तत्वों से भरपूर फल
पैशन फ्रूट को इसके उच्च पोषक तत्वों के कारण ‘गुणों की खान’ माना जाता है। इसमें विटामिन ए, सी और कई मिनरल्स जैसे कैल्शियम और आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जो इसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद बनाते हैं। इसके अलावा, इसका सेवन इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है और यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होता है। इन गुणों के कारण पैशन फ्रूट की बाजार में भारी मांग है, खासकर हेल्थ कॉन्शियस लोगों के बीच। अब तो इसे अन्य राज्यों में भी उगाया जाने लगा है, जिससे किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है।
खेती के लिए सही मौसम और तापमान
पैशन फ्रूट की खेती के लिए सही तापमान और मौसम की जानकारी बहुत जरूरी है। इस फल के लिए 15 से 20 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे अच्छा माना जाता है। यह फल मुख्य रूप से 700 से 2000 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है, जैसे कि उत्तर-पूर्व के पहाड़ी इलाके और अन्य उच्च पर्वतीय क्षेत्र। यहां इसकी पैदावार अच्छी होती है और इससे किसानों को काफी मुनाफा होता है।
पैशन फ्रूट की खेती के तरीके
पैशन फ्रूट की खेती करना इतना भी मुश्किल नहीं है। किसान इसे बीज से भी उगा सकते हैं या फिर पौधे की कटिंग से भी इसकी खेती कर सकते हैं।
- बीज से खेती: यदि किसान बीज से इसकी खेती करना चाहते हैं तो सबसे पहले बीज को सुखाकर तैयार किया जाता है। फिर मार्च-अप्रैल के महीने में इसे पॉलीहाउस में बोया जाता है। जब पौधे तैयार हो जाते हैं, तो इन्हें खेतों में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
- कटिंग से खेती: अगर किसान कटिंग से इसे उगाना चाहते हैं, तो इसके लिए इसकी बेल के एक हिस्से को काटकर पॉलीबैग में लगाकर उगाया जाता है। इससे बेल को उगाने में लगभग 4 महीने का समय लग सकता है।
- खेत की तैयारी: पैशन फ्रूट की खेती के लिए खेतों को अच्छी तरह से तैयार करना बेहद जरूरी है। बुवाई से पहले खेत में लगभग 45 सेमी गहरे गड्ढे बनाए जाते हैं और उनमें खाद डाली जाती है। यह खाद पौधे को पोषक तत्व देती है और उसकी वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होती है।
- बेल की देखभाल: जब बेल तैयार हो जाती है, तो उसकी सही देखभाल भी जरूरी होती है। बुवाई के लगभग 10 महीने बाद बेल पर फूल आने शुरू हो जाते हैं और इसके सात से आठ महीने के भीतर फल भी लगने लगते हैं।
पैशन फ्रूट की खेती से मुनाफा
पैशन फ्रूट की खेती में मेहनत तो होती है, लेकिन मुनाफा भी शानदार होता है। इसके एक बार उगने के बाद किसान को लगातार 10 सालों तक पैदावार मिलती रहती है। इसके अलावा, यह फल काफी महंगा बिकता है क्योंकि इसकी डिमांड मार्केट में लगातार बढ़ रही है। हेल्थ और फिटनेस के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण इस फल की मांग में और भी इजाफा हो रहा है।
अगर सही तरीके से खेती की जाए तो पैशन फ्रूट की खेती से किसान प्रति हेक्टेयर लाखों की कमाई कर सकते हैं। इसके अलावा, सरकार भी उत्तर-पूर्वी राज्यों में इस खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और अन्य मदद उपलब्ध करवा रही है, जिससे किसानों के लिए यह एक और अच्छा विकल्प बन जाता है।
निष्कर्ष
पैशन फ्रूट की खेती एक बार की मेहनत और लंबे समय तक मुनाफा देने वाली खेती है। सही देखभाल और तकनीकी जानकारी के साथ इसे कोई भी किसान सफलतापूर्वक कर सकता है। अगर आप भी पारंपरिक खेती से हटकर कुछ नया और लाभकारी करना चाहते हैं, तो पैशन फ्रूट की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।