सीताफल भी एक बागवानी फसल है, जिसके लिए सरकार से subsidy प्राप्त की जा सकती है। इससे किसान कम लागत में सीताफल की खेती कर अच्छा profit कमा सकते हैं। सीताफल, जिसे शरीफा भी कहा जाता है, न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि इसमें सेहत के लिए फायदेमंद तत्व भी भरे होते हैं, जैसे fiber, मिनरल्स और विटामिन। इसी वजह से बाजार में इसकी भारी मांग रहती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।
सीताफल में प्राकृतिक चीनी प्रचुर मात्रा में होती है, जिससे इससे मिठाई, शरबत और आइसक्रीम भी बनाई जाती है। किसानों को बागवानी फसलों पर subsidy मिलती है और सीताफल भी इनमें शामिल है। इससे किसान कम लागत में सीताफल की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।
सीताफल की अच्छी खेती और उत्पादन के लिए इन बातों का ध्यान रखें:
. बुवाई के लिए साल में दो बार, जुलाई-अगस्त और फरवरी-मार्च का समय सही माना जाता है।
. बुवाई के लिए पॉलिथीन की थैलियों में मिट्टी डालकर बीज लगाएं और पौधे जमने के बाद पॉलिथीन हटा दें।
. 5×5 मीटर की दूरी पर 60×60×60 सेंटीमीटर के गड्ढे खोदें, उन्हें 15-20 दिन खुला छोड़ें, फिर उनमें प्राकृतिक खाद डालकर सिंचाई करें।
. सीताफल की खेती के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है, और गर्म तथा शुष्क जलवायु में इसका उत्पादन अच्छा होता है।
. जैविक और गोबर की खाद का उपयोग उचित मात्रा में करें।
एक अच्छे विकसित पौधे से हर साल लगभग 100 फल प्राप्त हो सकते हैं, और एक एकड़ में 400-450 पौधे लगाए जा सकते हैं, जिससे लगभग 30 क्विंटल फल हर साल मिल सकते हैं।