बाल्टी में टमाटर उगाने की आसान डच बकेट विधि
अगर आप घर में टमाटर उगाना चाहते हैं, लेकिन जगह की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो डच बकेट विधि आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। यह विधि विदेशों में बड़े पैमाने पर उपयोग की जाती है, और इसके जरिए आप बाल्टी में भी आसानी से टमाटर उगा सकते हैं। इस विधि में कुछ आसान कदमों का पालन करके आप अपनी बालकनी या छत पर टमाटर की फसल उगा सकते हैं।
डच बकेट विधि के अनुसार बाल्टी में टमाटर उगाने के 5 आसान कदम
1. सामग्री का चयन
सबसे पहले, आपको एक ढक्कन वाली बाल्टी चाहिए होगी, जिसमें टमाटर के पौधे लगाए जाएंगे। इसके अलावा, टमाटर के पौधों के लिए परलाइट (ग्रोइंग मीडियम), न्यूट्रिएंट रिजर्वॉयर (पोषक तत्वों का भंडारण), और एक सबमर्सिबल पंप की आवश्यकता होगी।
2. न्यूट्रिएंट रिजर्वॉयर का निर्माण
अब आपको एक न्यूट्रिएंट रिजर्वॉयर की जरूरत होगी, जिसमें पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्व एकत्रित किए जाते हैं। इस रिजर्वॉयर में एक पाइप लगाया जाता है, जिसे टमाटर की बाल्टी से जोड़ा जाता है ताकि पोषक तत्वों का प्रवाह बाल्टी में हो सके। इसके बाद, परलाइट में टमाटर के पौधे लगाए जाते हैं। परलाइट पौधों की जड़ों को मजबूती देने वाला एक प्रकार का कंपोस्ट होता है। पौधे लगाने से पहले बाल्टी में छोटे-छोटे छेद किए जाते हैं ताकि पोषक तत्व पाइप के जरिए न्यूट्रिएंट रिजर्वॉयर में वापस जा सकें।
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3. पोषक तत्वों की आपूर्ति
अब पाइप के माध्यम से पौधों को जरूरी पोषक तत्व दिए जाते हैं। ये पोषक तत्व लिक्विड फॉर्म में होते हैं, जिन्हें पाइप के जरिए परलाइट और बाल्टी के ऊपरी हिस्से में पहुंचाया जाता है। इससे पौधों की जड़ों तक सभी आवश्यक पोषक तत्व पहुंच पाते हैं। साथ ही, पौधों को पानी भी न्यूट्रिएंट रिजर्वॉयर के माध्यम से दिया जा सकता है।
4. निगरानी रखना
पौधों पर ध्यान रखना बहुत जरूरी है। साथ ही, पोषक तत्वों के पीएच लेवल की नियमित जांच भी की जानी चाहिए। अगर यह लेवल मानक से कम हो, तो उसे तुरंत सुधारने की जरूरत होती है। इस विधि से आप कीट और रोगों पर भी निगरानी रख सकते हैं, जिससे पौधों को बेहतर पोषण मिलता है।
5. उत्पादन का लाभ
इस विधि से की गई खेती में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। सही पोषक तत्वों का समुचित उपयोग और निगरानी से टमाटर की फसल अच्छी और स्वस्थ होती है।
इस तकनीक के माध्यम से आप बिना ज्यादा जगह के भी घर पर ताजे टमाटर उगा सकते हैं और खेती का आनंद ले सकते हैं।