Honey Exporters को नए साल का तोहफा
Honey Exporters: सरकार ने शहद उत्पादन (Honey production) करने वाले किसानों के लिए नए साल से पहले बड़ा तोहफा दिया है। शहद के न्यूनतम निर्यात मूल्य (Minimum Export Price – MEP) को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया गया है। अब प्राकृतिक शहद के लिए MEP $2,000 प्रति टन तय रहेगा।
शहद के निर्यात पर सख्त नियम
सरकार ने स्पष्ट किया है कि कोई भी किसान तय MEP से कम दाम पर शहद का निर्यात नहीं कर सकता। इस संबंध में विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने नोटिफिकेशन जारी किया है। मार्च 2024 में लागू किए गए इस नियम को अब अगले एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
‘कनफेडरेशन ऑफ एपीकल्चर इंडस्ट्री’ की मांग हुई पूरी
‘कनफेडरेशन ऑफ एपीकल्चर इंडस्ट्री‘ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवव्रत शर्मा ने 18 दिसंबर को अतिरिक्त वाणिज्य सचिव के साथ हुई बैठक में शहद के न्यूनतम निर्यात मूल्य को आगे भी जारी रखने की मांग की थी। उनका कहना है कि इस फैसले से शहद उत्पादकों (Honey Exporters) को और अधिक लाभ कमाने का मौका मिलेगा।
“खबरीलाल न्यूज़ में यह भी पढ़ें”शमी के पौधे की सही देखभाल के आसान टिप्स…
निर्यात बढ़ाने की उम्मीद
देवव्रत शर्मा ने कहा कि इस निर्णय से मधुमक्खीपालकों में उत्साह बढ़ेगा और वे अपने उत्पादों को विदेशों के बाजारों में भेजने के लिए प्रेरित होंगे। भारतीय शहद अब यूरोप और अमेरिका के बाजारों में अपनी पकड़ और मजबूत करेगा।
शहद का निर्यात: पिछले वर्षों का आंकड़ा
- अप्रैल 2023 से अक्टूबर 2023 के बीच भारत ने कुल $10.63 करोड़ का प्राकृतिक शहद निर्यात किया।
- वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा $17.76 करोड़ रहा।
- वित्त वर्ष 2022-23 में शहद निर्यात $20.3 करोड़ तक पहुंचा था।
मधुमक्खीपालकों के लिए यह फैसला क्यों है खास?
शहद उत्पादन और निर्यात (Honey Exporters) क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार का यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है। यह न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा बल्कि भारतीय शहद को वैश्विक बाजार में और प्रतिष्ठा दिलाने का काम करेगा।