बिहार सरकार की अनोखी पहल: मेथी-धनिया की खेती पर 50% सब्सिडी, जानें कैसे करें आवेदन
बिहार सरकार ने किसानों के आर्थिक विकास को सशक्त करने के लिए बीज मसाले योजना 2024-25 की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मेथी और धनिया जैसी फसलों की खेती को प्रोत्साहित करना है। अब किसानों को इन फसलों की खेती पर 50% तक की सब्सिडी मिलेगी। योजना के तहत प्रति हेक्टेयर लगभग 30,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है, जिससे किसान कम लागत में खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इस पहल से न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।
कैसे उठाएं मेथी-धनिया की खेती पर सब्सिडी का लाभ?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान कई आसान कदम उठा सकते हैं:
- आवेदन प्रक्रिया: इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान उद्यान निदेशालय की वेबसाइट (https://horticulture.bihar.gov.in/) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। वहां उन्हें बीज मसाले योजना का लिंक मिलेगा। इस लिंक पर क्लिक करने के बाद आवश्यक जानकारी भरकर आवेदन पत्र जमा करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है, जिससे किसानों को घर बैठे ही सुविधा मिलेगी।
- स्थानीय दफ्तर में आवेदन: यदि किसी किसान को ऑनलाइन प्रक्रिया में कठिनाई होती है, तो वे अपने नजदीकी बागवानी या कृषि विभाग के दफ्तर में जाकर भी आवेदन जमा कर सकते हैं। वहां कर्मचारी उनकी मदद करेंगे और आवश्यक फॉर्म भरने में सहायता करेंगे।
बिहार सरकार की अन्य कृषि योजनाएं
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बिहार सरकार किसानों की भलाई के लिए कई योजनाएं चला रही है, जैसे:
- कृषि इनपुट सब्सिडी: यह योजना किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार कृषि सामग्री की खरीद में मदद करती है।
- राष्ट्रीय कृषि विश्वविद्यालय: यह संस्था किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और अनुसंधान के माध्यम से लाभ पहुंचाती है।
- डिजिटल क्रॉप सर्वे योजना: इस योजना के तहत किसानों को अपने खेतों की फसल की स्थिति का आकलन करने में मदद मिलती है, जिससे वे बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
- बिहार राज्य फसल सहायता योजना: यह योजना प्राकृतिक आपदाओं के दौरान किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
इन सभी योजनाओं का मुख्य उद्देश्य बिहार के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करना है। इस प्रकार, मेथी और धनिया की खेती पर 50% सब्सिडी देने की योजना किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों को और अधिक लाभकारी बना सकते हैं। इस पहल से न केवल किसानों की आमदनी में सुधार होगा, बल्कि कृषि क्षेत्र की वृद्धि भी सुनिश्चित होगी।