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खेती-किसानी

Sugarcane farmers के लिए कृषि वैज्ञानिकों का अलर्ट: बुवाई में देरी से होगा बड़ा नुकसान

कृषि वैज्ञानिकों ने गन्ना किसानों के लिए शरदकालीन गन्ने की बुवाई को लेकर अलर्ट जारी किया है। यदि 15 नवंबर से पहले बुवाई पूरी नहीं की जाती, तो गिरते तापमान के कारण अंकुरण में समस्या आ सकती है और फसल प्रभावित हो सकती है।

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Last updated: November 14, 2024 2:38 PM
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Sugarcane Farmers | agricultural scientists | Sugarcane Sowing
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Highlights
  • गन्ने की बुवाई में देरी से बचें, फसल का अच्छा उत्पादन पाएं।
  • 15 नवंबर से पहले बुवाई, फसल की सफलता की कुंजी।
  • सिंचाई और बीज चयन से बढ़ाएं गन्ने की पैदावार।

Sugarcane Farmers के लिए Agricultural Scientists Alert: बुवाई में देरी से होगा बड़ा नुकसान

Agricultural Scientists ने Sugarcane Farmers के लिए शरदकालीन गन्ने की बुवाई को लेकर एक अहम अलर्ट जारी किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि गन्ने की बुवाई 15 नवंबर से पहले पूरी कर लेनी चाहिए। इसके बाद यदि गन्ना बोया जाएगा, तो तापमान में गिरावट के कारण अंकुरण सही से नहीं होगा और गन्ने की फसल पर बुरा असर पड़ेगा। गन्ना फसल अपनी मजबूत प्रकृति के लिए जानी जाती है और विषम परिस्थितियों में भी ज्यादा प्रभावित नहीं होती, लेकिन बुवाई में देरी से इसकी गुणवत्ता और उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

बीज चयन और बुवाई के लिए जरूरी सुझाव

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि गन्ने की फसल का बेहतर उत्पादन चाहते हैं, तो अच्छे गुणवत्ता के बीजों का चयन बेहद जरूरी है। बीजों को हमेशा प्रमाणित पौधशालाओं से खरीदें, ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी से बचा जा सके। साथ ही, यदि आप शरदकालीन गन्ने की बुवाई (Sugarcane Sowing) कर रहे हैं, तो 15 नवंबर से पहले बुवाई पूरी कर लें, क्योंकि इसके बाद तापमान गिरने से अंकुरण में समस्या हो सकती है।

“खबरीलाल न्यूज़ में यह भी पढ़ें” मध्य प्रदेश में MSP पर मोटे अनाज की खरीद शुरू, जानें पूरी जानकारी

सिंचाई और निराई की महत्ता

गन्ने की फसल के अच्छे उत्पादन के लिए नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है। Agricultural Scientists का कहना है कि गन्ने के लिए हर 12 से 15 दिनों पर सिंचाई करनी चाहिए, ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे और फसल की वृद्धि सही तरीके से हो सके। इसके अलावा, बुवाई के 25 से 30 दिनों बाद निराई और गुड़ाई भी आवश्यक है, जिससे जड़ों को हवा मिले और फसल का विकास बेहतर हो।

गन्ने की फसल के लिए विशेष सुझाव

  • बीज का चयन: गन्ने की फसल के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें। बीजों को हमेशा प्रमाणित पौधशालाओं से ही खरीदें, ताकि बीमारियों से बचा जा सके।
  • संवर्धित ट्राइकोडर्मा का उपयोग: गन्ने की फसल को बीमारी से बचाने के लिए प्रति हेक्टेयर 20 किलो संवर्धित ट्राइकोडर्मा को 200 किलो गोबर की खाद या प्रेसमड के साथ मिलाकर प्रयोग करें।
  • कटाई का तरीका: गन्ने की कटाई हमेशा सतह से करें, ताकि फुटाव अच्छा हो और फसल की गुणवत्ता बढ़े।
  • इथरेल का छिड़काव: कटाई के बाद फुटाव बढ़ाने के लिए इथरेल का छिड़काव करें और कटाई के एक सप्ताह बाद सिंचाई करें।

क्षेत्र के अनुसार किस्मों का चयन

गन्ने की विभिन्न किस्मों की आवश्यकता क्षेत्र विशेष के हिसाब से अलग होती है। उत्तर-पूर्व और उत्तर मध्य भारत में गन्ने की सीओ 0233 और सीओ 0232 किस्में अधिक उपयुक्त होती हैं। किसान अपने क्षेत्र के जलवायु और मिट्टी के अनुसार कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेकर उपयुक्त किस्म का चयन कर सकते हैं, ताकि अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके।

इस प्रकार, Sugarcane Farmers को शरदकालीन बुवाई से पहले कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए, ताकि वे सुरक्षित और लाभकारी फसल उगा सकें।

TAGGED:agricultural scientistsAgriculture Tipscrop managementSugarcane Farmers
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