Samekit Murgi Vikas Yojna By Bihar Government
सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आम लोगों को प्रोटीन उपलब्ध कराने के लिए मुर्गी पालन को बढ़ावा दे रही है। बिहार सरकार ने इस उद्देश्य के लिए “समेकित मुर्गी विकास योजना” शुरू की है, जिसके तहत इच्छुक व्यक्तियों को 3,000 क्षमता का ब्रायलर पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए अनुदान दिया जाएगा।
योजना का उद्देश्य
बिहार सरकार का लक्ष्य पोल्ट्री मांस के उत्पादन को बढ़ाना और राज्य को आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत युवाओं को 3,000 क्षमता वाले मुर्गी फार्म की स्थापना पर अनुदान मिलेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इच्छुक युवा ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
अनुदान की राशि
समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत 3,000 क्षमता के ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के लिए अनुदान प्रदान किया जाएगा। इस फार्म के आधारभूत संरचना के लिए अनुमानित लागत 10 लाख रुपये है। सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 30 प्रतिशत, यानी अधिकतम 3 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा, जबकि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभार्थियों को 50 प्रतिशत, यानी अधिकतम 5 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा।
फार्म की स्थापना का लक्ष्य
इस वर्ष बिहार सरकार ने 3,000 क्षमता वाले 100 पोल्ट्री फार्म खोलने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 75 सामान्य वर्ग के लाभार्थियों के लिए और अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए क्रमशः 20 और 5 इकाई निर्धारित की गई है।
बैंक लोन की व्यवस्था
इस योजना के लिए पूंजी की पूर्ति के लिए बैंक ऋण की व्यवस्था भी की गई है। लाभार्थियों को आवेदन के समय प्रोजेक्ट लागत का 10 प्रतिशत मार्जिन मनी के रूप में उपलब्ध कराना होगा। सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को अधिकतम 3 लाख रुपये और SC/ST वर्ग के लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक का बैंक ऋण मिल सकता है।
भूमि की आवश्यकता
3000 क्षमता के ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के लिए लाभार्थियों को 7,000 वर्गफीट (16.10 डिसमिल) भूमि की आवश्यकता होगी। प्रस्तावित भूमि सड़क से जुड़ी होनी चाहिए ताकि परिवहन सुगम हो सके। भूमि का स्वामित्व प्रमाणपत्र आवेदन के समय प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
आवश्यक दस्तावेज़
ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के लिए आवेदन करते समय कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, जैसे:
- आवेदक का फोटोग्राफ
- आधार कार्ड की छाया प्रति
- आवासीय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाणपत्र (केवल SC/ST के लिए)
- बैंक खाता पासबुक की छाया प्रति
- भूमि की उपलब्धता का साक्ष्य
- नजरी नक्शा
- लीज/निजी/पैतृक भूमि का ब्यौरा
- पोल्ट्री फार्मिंग का प्रशिक्षण संबंधी साक्ष्य
इन सभी दस्तावेजों को स्कैन कर PDF फॉर्मेट में तैयार रखना होगा ताकि आवेदन के समय ऑनलाइन अपलोड किया जा सके।
इस प्रकार, बिहार सरकार ने मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस कदम उठाया है, जो न केवल रोजगार सृजन करेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।