कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की दरम्यानी रात हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है। पीड़ित परिवार ने इस पर बयान देते हुए कहा कि सीबीआई अपना काम कर रही है और वे जांच के बारे में कुछ नहीं कह सकते। मृतका के पिता ने कहा कि इस हत्या से जुड़े सभी लोग और जो भी सबूतों से छेड़छाड़ में शामिल हैं, जांच के दायरे में हैं। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर उनके बच्चों की तरह हैं, और उन्हें देखकर उन्हें दर्द होता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आरोपियों को सजा मिलने पर उनकी जीत होगी।
दुष्कर्म और हत्या मामले में आरोपियों की हिरासत को तीन दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। स्थानीय अदालत ने यह निर्णय सीबीआई की ओर से प्रस्तुत किए गए तर्कों के आधार पर लिया, जिसमें कहा गया कि पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अभिजीत मंडल सीबीआई अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं।
इस बीच, मृतका के पिता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2021 में भी संदीप घोष पर कई आरोप लगे थे, और अगर मुख्यमंत्री ने उस समय कार्रवाई की होती, तो उनकी बेटी आज जिंदा होती। यह मामला अब राजनीति और प्रशासन के बीच विवाद का केंद्र बन गया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने अदालत को सूचित किया है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल मामले में अभी तक सामूहिक दुष्कर्म का कोई सबूत नहीं मिला है। सीबीआई के वकील ने बताया कि उनके अधिकारियों को दुष्कर्म या हत्या में पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष और थानेदार अभिजीत मंडल की प्रत्यक्ष संलिप्तता साबित करने वाला कोई ठोस सबूत प्राप्त नहीं हुआ है। यह मामला तब सामने आया जब 31 वर्षीय महिला डॉक्टर का शव 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार रूम में मिला था।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल मामले में अदालत ने पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष और थानेदार अभिजीत मंडल की रिमांड को 20 सितंबर तक बढ़ा दिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने अदालत को सूचित किया कि गिरफ्तार किए गए दोनों ने महिला डॉक्टर का शव मिलने के दिन कई बार एक-दूसरे से संपर्क किया था।
सीबीआई ने कॉल डिटेल्स का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने उस दिन कुछ विशिष्ट नंबरों पर कई कॉल किए थे। अदालत ने इन दलीलों को ध्यान में रखते हुए आरोपियों की रिमांड को बढ़ाने का निर्णय लिया, ताकि जांच जारी रह सके और मामले में गहराई से तथ्यों को उजागर किया जा सके।
सीबीआई ने दुष्कर्म और हत्या के मामले में पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष और थानेदार अभिजीत मंडल को 15 सितंबर को गिरफ्तार किया था। इसके अतिरिक्त, डॉ. घोष को 2 सितंबर को आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं में कथित संलिप्तता के आरोप में भी गिरफ्तार किया गया था। इस वित्तीय मामले में सीबीआई ने घोष के तीन साथियों को भी गिरफ्तार किया है।
घोष और मंडल की गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई ने दोनों पर कई आरोप लगाए हैं और उनके खिलाफ जांच जारी है। कोर्ट ने 20 सितंबर तक उनकी रिमांड बढ़ा दी है, ताकि जांच की प्रक्रिया पूरी की जा सके।