पचमढ़ी मध्य प्रदेश का सबसे प्रमुख हिल स्टेशन है, जिसे “सतपुड़ा की रानी” के नाम से भी जाना जाता है। इसे एक अनमोल खजाना भी माना जाता है, और यह सतपुड़ा की सबसे ऊंची और एक मात्र रानी है। अपने प्राचीन हिल स्टेशन स्वरूप के कारण, पचमढ़ी गर्म मध्य प्रदेश के बीच में एक शांत जगह के रूप में उभरती है। यहाँ की जलवायु और परिदृश्य इसे राज्य के अन्य क्षेत्रों से अलग बनाते हैं।
1862 में, बंगाल लांसर के कैप्टन जेम्स फोर्सिथ ने झाँसी की ओर यात्रा करते समय पचमढ़ी की प्राकृतिक सुंदरता और आकर्षण को देखा। अंग्रेजों ने पचमढ़ी को ब्रिटिश सैनिकों के लिए एक सुरक्षित स्थल के रूप में विकसित किया और बाद में इसे एक छावनी क्षेत्र और ग्रीष्मकालीन विश्राम स्थल के रूप में मान्यता दी, जैसे दार्जिलिंग, ऊटी और कुर्सियांग। पचमढ़ी की सुंदरता की सराहना कर्नल फोर्सिथ की पुस्तक “द हाइलैंड्स ऑफ सेंट्रल इंडिया” में भी की गई है।
पचमढ़ी के प्रमुख पर्यटन स्थल:
पचमढ़ी में कई प्रमुख पर्यटन स्थल हैं जो इसे एक आकर्षक हिल स्टेशन बनाते हैं। यहाँ के कुछ मुख्य पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:
- धूपगढ़: यह पचमढ़ी का सबसे ऊँचा बिंदु है और यहाँ से सूरज ढलते समय का दृश्य बेहद खूबसूरत होता है। यहाँ से सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का विस्तृत दृश्य देखने को मिलता है।
- राजा की कुटिया: यह एक गुफा है जो ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखती है। इसे पांडवों द्वारा बनाए गए एक आश्रय स्थल के रूप में भी जाना जाता है।
- चौरागढ़: यह एक प्रसिद्ध शिव मंदिर स्थल है, जहाँ पर एक कठिन चढ़ाई के बाद पहुँच सकते हैं। यहाँ से पर्वतीय दृश्यों का शानदार दृश्य देखने को मिलता है।
- अल्मास गुफा: यह गुफा ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहाँ के प्राचीन चित्र और संरचनाएँ इसे एक प्रमुख आकर्षण बनाते हैं।
- नागदाहा: यह एक सुंदर जलाशय है, जहाँ पर आप पिकनिक का आनंद ले सकते हैं और आसपास के शांत वातावरण का आनंद उठा सकते हैं।
- बेसन: यह एक सुंदर झरना है जहाँ पर पर्यटक ठंडी जलवायु और खूबसूरत दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
- पचमढ़ी झरना: यह झरना एक प्रमुख पर्यटक स्थल है, जहाँ पर ताजगी भरे ठंडे पानी में नहाने का आनंद लिया जा सकता है।
- सात धाराएँ: यह एक समूह झरनों का स्थान है, जो पचमढ़ी की प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाते हैं। यहाँ के दृश्य अद्वितीय और मनमोहक होते हैं।
- प्राचीन गुफाएँ: पचमढ़ी में कई प्राचीन गुफाएँ हैं, जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इन गुफाओं में प्राचीन चित्र और शिलालेख देखे जा सकते हैं।
इन स्थलों के साथ-साथ पचमढ़ी का प्राकृतिक सौंदर्य और शांतिपूर्ण वातावरण इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं।
पचमढ़ी में घूमने के बेहतरीन स्थल
पचमढ़ी, सतपुड़ा श्रृंखला के बीच स्थित एक आकर्षक हिल स्टेशन है, जो अपनी गुफाओं और झरनों के लिए भी प्रसिद्ध है। इस खूबसूरत हिल स्टेशन की सैर करते समय निम्नलिखित प्रमुख स्थलों को न भूलें:
- बी फॉल
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
- पचमढ़ी कैथोलिक चर्च
- रीचगढ़
- बाइसन लॉज
- रजत प्रपात झरना
- पांडव गुफाएँ
- अप्सरा विहार फॉल्स
- धूपगढ़
- हांडीखोह
- गुप्त महादेव या छोटा महादेव
- बड़ा महादेव
- चौरागढ़ मंदिर
- प्रियदर्शिनी प्वाइंट
- जटा शंकर गुफाएँ
इन आकर्षक स्थलों की सैर से आप पचमढ़ी की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व का पूरा आनंद ले सकते हैं।
पचमढ़ी कब घूमने जाएं?
पचमढ़ी घूमने के लिए सबसे उपयुक्त समय जून से सितंबर और नवंबर से फरवरी के बीच होता है। यहाँ के मौसम के अनुसार, निम्नलिखित समयावधियाँ सबसे बेहतर होती हैं:
- जून से सितंबर (मानसून सीजन): इस अवधि के दौरान पचमढ़ी में बारिश होती है, जो परिदृश्य को हरियाली और ताजगी प्रदान करती है। झरने और जलाशयों में पानी भर जाता है, जिससे यहाँ की सुंदरता और बढ़ जाती है। हालांकि, मानसून के दौरान पहाड़ियों पर फिसलन हो सकती है, इसलिए सावधानी बरतना आवश्यक है।
- नवंबर से फरवरी (सर्दी का मौसम): यह पचमढ़ी की यात्रा के लिए सबसे आदर्श समय होता है। ठंडी और सुखद जलवायु के कारण आप यहाँ ट्रेकिंग, पिकनिक और अन्य बाहरी गतिविधियों का आनंद आसानी से ले सकते हैं। इस समय यहाँ का मौसम बहुत अच्छा होता है, जिससे आप प्राकृतिक सौंदर्य का पूरी तरह से आनंद ले सकते हैं।
मार्च से मई (गर्मी का मौसम) के दौरान पचमढ़ी में गर्मी हो सकती है, लेकिन यहाँ की ठंडी जलवायु के कारण यह अन्य गर्म क्षेत्रों की तुलना में आरामदायक हो सकती है। यदि आप गर्मी को सहन कर सकते हैं और भीड़-भाड़ से बचना चाहते हैं, तो इस समय भी यात्रा की जा सकती है।