सुल्तानपुर में सराफा दुकान पर डकैती की वारदात में जौनपुर के मंगेश यादव की भी संलिप्तता सामने आई है। इस डकैती को अंजाम देने के लिए उसकी मदद से जौनपुर से दो मोटरसाइकिलें चोरी की गई थीं। जब पुलिस 3 सितंबर को मंगेश के घर पहुंची, तो उसके परिजनों ने दावा किया कि वह पिछले तीन महीनों से घर नहीं आया और मुंबई में है। मंगेश के एनकाउंटर को लेकर सपा और विपक्ष ने राज्य सरकार पर आरोप लगाए हैं, लेकिन प्रदेश पुलिस प्रमुख के खुलासे ने विपक्ष के आरोपों पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बृहस्पतिवार को मंगेश यादव की डकैती में संलिप्तता के कई सुबूत मीडिया के सामने पेश किए और कई अनुत्तरित सवालों का जवाब दिया। इस दौरान एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश और एडीजी जोन लखनऊ एसबी शिरडकर भी मौजूद थे। डीजीपी ने बताया कि इस घटना का मास्टरमाइंड विपिन सिंह पहले भी 2017 में राजधानी के चौक इलाके में मुकुंद ज्वेलर्स और 2023 में सूरत में एक ज्वेलर के प्रतिष्ठान पर डकैती की वारदात कर चुका है। सुल्तानपुर में घटना से पहले दुकान की दो बार रेकी भी की गई थी।
फुरकान, अनुज, अरबाज, मंगेश यादव, अंकित, और एक अज्ञात डकैत ने सुल्तानपुर में सराफा दुकान में डकैती की वारदात को अंजाम दिया, जबकि विपिन सिंह, विनय, विजय, अरविंद, और दुर्गेश उनके बचाव के लिए बाहर मुस्तैद थे। डीजीपी ने जौनपुर में बाइक चोरी, दुकान की रेकी, मंगेश के परिजनों के बयान, और डकैती की फुटेज सहित अन्य साक्ष्यों को सार्वजनिक करते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस कार्रवाई को लेकर भ्रांतियाँ फैलाई गई हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस जाति या धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि आपराधिक कृत्यों के आधार पर कार्रवाई करती है और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइनों का पालन करती है। सुल्तानपुर प्रकरण में सराफा एसोसिएशन ने पुलिस कार्रवाई की सराहना की है, और लूटे गए माल की वीडियोग्राफी के साथ बरामदगी की गई है।