रिसर्च के अनुसार, लोगों का शरीर 44 और 60 की उम्र में तेजी से उम्रदराज़ होने लगता है। साइंस मैगज़ीन Nature Aging में प्रकाशित इस स्टडी में 25 से 75 साल की उम्र के 108 लोगों पर लगभग 7 साल तक अध्ययन किया गया। इन प्रतिभागियों से हर तीन से छह महीने में त्वचा, मुंह, नाक, खून और स्टूल के सैंपल्स लिए गए। इन सैंपल्स से उनके आरएनए, प्रोटीन और माइक्रोबायोम में हो रहे बदलावों पर नज़र रखी गई।
शेन शियाओताओ, जो सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोम मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और इस रिसर्च के लेखक भी हैं, उन्होंने कहा कि हम धीरे-धीरे नहीं बल्कि 44 और 60 साल की उम्र में ज्यादा तेज़ी से बूढ़े होते हैं। खासकर मेटाबॉलिज्म, जो हमारे शरीर की केमिकल प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है, इस उम्र में काफी स्लो हो जाता है। उन्होंने बताया कि 40 के आसपास कैफीन और अल्कोहल का असर भी कम होने लगता है, जबकि 60 में यह और घट जाता है।
रिसर्च में ये भी पाया गया कि इस उम्र में मांसपेशियों में चोट लगने और शरीर में फैट जमा होने की समस्या बढ़ जाती है। माना जा रहा है कि मांसपेशियों और त्वचा को सपोर्ट करने वाले प्रोटीन समय के साथ कमज़ोर हो जाते हैं, जिससे बुढ़ापे की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है। हालांकि, इस विषय पर और अधिक रिसर्च की ज़रूरत बताई गई है।