टमाटर की बेहतर फसल (Tomato Cultivation) के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, और खेतों में जल निकासी की सही व्यवस्था आवश्यक है। पूरे देश में किसान सफलतापूर्वक टमाटर की खेती कर रहे हैं, और ठंड के मौसम में भी इसकी खेती की जाती है। हालांकि, इस मौसम में पाला एक बड़ी समस्या बन सकता है। टमाटर की बेहतर उत्पादन के लिए 20 से 28 डिग्री सेल्सियस का तापमान आदर्श होता है। यदि तापमान 40 डिग्री से ऊपर चला जाए तो फसल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
टमाटर के बेहतर उत्पादन के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- मिट्टी का चुनाव: टमाटर की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी जरूरी है, और खेतों में उचित जल निकासी का ध्यान रखना चाहिए।
- नर्सरी तैयार करना: अगर आप एक हेक्टेयर क्षेत्र में टमाटर के पौधों को उगाना चाहते हैं, तो इसके लिए 300 से 400 ग्राम बीज की आवश्यकता होगी। ठंड के मौसम में टमाटर की फसल प्राप्त करने के लिए अक्टूबर महीने में नर्सरी में बुवाई करनी चाहिए।
- बीजों का उपचार: बीजों की बुवाई से पहले, उन्हें थाइरम/मेटालाक्सिल और मैन्कोजेब के मिश्रण से उपचारित करें ताकि फफूंद का संक्रमण रोका जा सके।
- क्यारियों का निर्माण: बुवाई के लिए क्यारियां बनाकर उन्हें फॉर्मल्डिहाइड से स्टरलाइज करें।
- बीजों की बुवाई: उपचारित बीजों को 5 सेंटीमीटर की दूरी पर कतार में लगाएं। बुवाई के बाद, उन पर गोबर खाद और बारीक मिट्टी डालें, और फिर पानी का छिड़काव करें।
- फफूंदनाशक का छिड़काव: 8-10 दिन के अंतराल पर फफूंदनाशक का छिड़काव करें।
- सीडलिंग की अवधि: पौधों को रोपाई से पहले 25 से 30 दिन का सीडलिंग करें।
- रोपाई का स्थान: खेतों में पौधों को कतार में 75 सेमी की दूरी पर रोपें।
- कीड़ों से सुरक्षा: टमाटर के पौधों को कीड़ों से बचाने के लिए संभव हो तो गेंदे के पौधों की रोपाई करें।
- मिट्टी का परीक्षण: पौधों की रोपाई से पहले मिट्टी का परीक्षण अवश्य करें।
- बोरोन की कमी: यदि मिट्टी में बोरोन की कमी पाई जाती है, तो खेतों में 0.3 प्रतिशत बोरेक्स का छिड़काव करें, जिससे फसल का उत्पादन बढ़ सकता है।
- सिंचाई की तकनीक: पौधों की सिंचाई ड्रिप इर्रीगेशन तकनीक से करें। ठंड के मौसम में हर 10-15 दिन में सामान्य सिंचाई करें।
- पौधों को सहारा: जैसे ही पौधों में फूल आने लगे, उन्हें सहारा देने की आवश्यकता होगी। यदि समय पर सहारा दिया जाता है, तो पौधे मिट्टी और पानी के संपर्क में नहीं आते, जिससे फल सड़ने से बच सकते हैं।
- फल तुड़ाई: जब फल हल्का लाल रंग का होने लगे, तब उनकी तुड़ाई कर लें।
इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए, किसान टमाटर की अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं।