बुधवार सुबह लगभग 9:15 बजे करोल बाग की संकरी गलियों में रोजमर्रा की गतिविधियाँ जारी थीं। लोग अपने काम पर आ-जा रहे थे, और बच्चे गली में खेल रहे थे। अचानक, एक इमारत भरभराकर गिर गई। धमाके से बगल के मकान हिलने लगे और धूल का गुबार आस-पास के घरों में भर गया। लोगों को समझने का मौका भी नहीं मिला और चारों ओर चीख-पुकार मच गई। गली में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और बचाओ-बचाओ की आवाजें पूरे इलाके में गूंजने लगीं।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बिल्डिंग गिरते ही गली में भगदड़ मच गई थी। चारों ओर लोगों के रोने की आवाजें गूंज रही थीं, और मलबे के नीचे दबे कुछ लोगों की आवाजें भी साफ सुनाई दे रही थीं। लोग मदद की गुहार लगा रहे थे—कोई पुलिस को फोन कर रहा था, तो कोई फायर विभाग से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, कुछ लोगों ने एंबुलेंस को भी बुला लिया।
सरकारी सहायता का कोई संकेत मिलने से पहले ही स्थानीय लोगों ने खुद को जिम्मेदार समझते हुए त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने मलबा उठाने का काम शुरू कर दिया, और जो भी साधन उनके पास था—लोहे के डंडे, पाइप, और लकड़ी के डंडे—सभी का उपयोग करके राहत कार्य में जुट गए।
मौके पर मौजूद सलीम खान ने मायूसी के साथ बताया कि वह कुछ समय पहले ही गिरी इमारत के पास से गुजरे थे। आसमान की ओर देखते हुए उन्होंने कहा कि ऊपर वाले का शुक्र है कि वह बच गए। सलीम खान ने कहा कि हादसा इतना भयानक था कि उन्हें स्थिति को समझने का भी समय नहीं मिला।
स्थानीय लोगों ने खुद ही बचाव अभियान शुरू कर दिया। जब तक दमकल विभाग और पुलिस नहीं पहुंची, वे कई जिंदगियों को बचाने के लिए जुटे रहे। बिना किसी सुरक्षा उपकरण और अपनी जान की परवाह किए बिना, लोग मलबा हटाते नजर आए। उनका जज्बा ऐसा था कि पुलिस कर्मियों के पहुंचने के बाद भी वे राहत कार्य में पूरी तरह से लगे रहे।
दमकल विभाग को मलबे में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही थी, क्योंकि लोगों का कहना था कि दमकल विभाग पूरी तरह से सुरक्षित तरीके से लोगों को नहीं निकाल पाएगा। हालांकि, कड़ी मेहनत और समन्वय के बाद पुलिस और दमकल कर्मियों ने स्थानीय लोगों को हटाया और तेजी से बचाव कार्य शुरू किया। पूरे दिन भर इलाका इमारत गिरने की घटना से गहरे सदमे में रहा।
मध्य दिल्ली के करोल बाग इलाके के बापा नगर में बुधवार सुबह एक चार मंजिला इमारत ढह गई, जिससे एक किशोर समेत चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान अमन (12 वर्ष), मुकीम (25 वर्ष), मुजीब (18 वर्ष), और मोसिन (26 वर्ष) के रूप में हुई है। इस हादसे में घायल 14 लोगों का इलाज लेडी हार्डिंग और अन्य अस्पतालों में चल रहा है।
25 गज की इस इमारत में हर मंजिल पर महिलाओं के जूते-चप्पल बनाने की फैक्टरी चल रही थी। यह इमारत 30 साल पुरानी थी और जर्जर अवस्था में थी। हादसे के समय इमारत में 20 लोग काम कर रहे थे, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रामपुर, मुरादाबाद और बिहार से थे।
पुलिस ने लापरवाही के आरोप में मामला दर्ज किया है, जिसमें इमारत के मरम्मत में लापरवाही भी शामिल है। इमारत का मालिक फरार है और उसका मोबाइल नंबर हादसे के बाद से बंद है। दिल्ली सरकार ने पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।
मध्य जिले के पुलिस उपायुक्त एम. हर्षवर्धन के अनुसार, प्रसाद नगर थाना पुलिस को इमारत गिरने की सूचना बुधवार सुबह 09:04 बजे मिली। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, बापा नगर इलाके में एक चार मंजिला इमारत ढह गई और कई लोग मलबे में फंसे हुए थे। यह भी सामने आया कि हादसे वाली इमारत के बगल की इमारत को भी नुकसान पहुंचा है।
मौके पर एनडीआरएफ और दिल्ली फायर सर्विस की टीम को भेजा गया, जिन्होंने राहत और बचाव अभियान शुरू किया। इस दौरान कुल 18 लोगों को मलबे से निकाला गया और उन्हें लेडी हार्डिंग व आरएमएल अस्पताल भेजा गया, जहां चार लोगों को मृत घोषित कर दिया गया।