उन्होंने फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट में कहा कि ‘इमरजेंसी’ फिल्म में सिख समुदाय को गलत ढंग से पेश किया गया है, जिससे समाज में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
सरबजीत सिंह खालसा ने लिखा, “रिपोर्ट्स के अनुसार, नई फिल्म ‘इमरजेंसी’ में सिखों का चित्रण गलत तरीके से किया गया है, जिससे कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। यदि सिखों को इस फिल्म में अलगाववादी और आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है, तो यह एक गहरी साजिश है। यह फिल्म सिखों के खिलाफ दूसरे देशों में नफरत फैलाने के लिए एक मनोवैज्ञानिक हमला है, जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए और इसे रोकना चाहिए।”
उन्होंने आगे लिखा, “देश में सिखों पर होने वाले नफरत भरे हमलों की खबरें अक्सर सामने आती हैं। ऐसे में यह फिल्म भी सिख समुदाय के खिलाफ नफरत को भड़काने का काम करेगी। सिख समुदाय ने इस देश के लिए बड़े बलिदान दिए हैं, जिन्हें फिल्मों में सही तरीके से नहीं दिखाया गया है। लेकिन सिखों को बदनाम करने की हर कोशिश की जाती है। सामुदायिक सौहार्द और कानूनी व्यवस्था बनाए रखने के लिए आपत्तिजनक फिल्मों और गानों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। मैं हमेशा समाज में शांति बनाए रखने के लिए ऐसी असामाजिक गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाकर उन्हें रोकने का प्रयास करता हूं।”
सरबजीत सिंह खालसा, बेअंत सिंह के बेटे हैं। बेअंत सिंह उन दो बॉडीगार्ड्स में से एक थे जिन्होंने 31 अक्टूबर 1984 को ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब कंगना रनौत अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ लेकर आ रही हैं, जिसमें 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की कहानी, इंदिरा के संघर्ष और उनकी हत्या को दिखाया जाएगा। कंगना इसमें इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं। फिल्म में अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, महिमा चौधरी, मिलिंद सोमन, विशाक नायर जैसे कलाकारों ने भी काम किया है, और दिवंगत अभिनेता सतीश कौशिक भी अहम भूमिका में हैं।