सूत्रों के अनुसार, इंदिरा सागर डैम के सभी गेट एक-एक मीटर तक खोले गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप इस डैम से लगभग 3048 क्यूमेक्स पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, बिजली उत्पादन के लिए उपयोग की जा रही टरबाइनों से भी 1840 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। इस प्रकार, कुल मिलाकर 4888 क्यूमेक्स पानी का डिस्चार्ज हो रहा है।
साथ ही, इंदिरा सागर परियोजना से भारी जल प्रवाह के चलते ओंकारेश्वर डैम के 14 गेट भी खोले गए हैं। इस डैम से 3100 क्यूमेक्स पानी और ओंकारेश्वर विद्युत गृह से 1896 क्यूमेक्स पानी की निकासी की जा रही है, जिससे कुल डिस्चार्ज लगभग 5000 क्यूमेक्स हो रहा है।
यह माना जा रहा है कि यह एक रिकॉर्ड है, क्योंकि इस मानसूनी सीजन में इन परियोजनाओं के गेट तीसरी बार खुले हैं। मानसूनी सीजन के अंतिम चरण में होते हुए भी, इन परियोजनाओं से अरबों रुपये की बिजली का उत्पादन जारी है, जिससे सरकार को महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ मिल रहा है।
नर्मदा नदी के ऊपरी कछार में लगातार बारिश और अपस्ट्रीम के बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण इंदिरा सागर बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस मानसून सत्र में यह तीसरी बार है जब बांध के गेट खोले गए हैं और पानी रिलीज किया गया है। हालांकि, गेट बंद करने की तारीख की जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।
हंडिया की ओर से तेजी से पानी इंदिरा सागर में आ रहा है, और बरगी और तवा बांधों के गेट खुलने से इस क्षेत्र में पानी की आवक और बढ़ गई है। इसके चलते, इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर डैम पूरी तरह भर चुके हैं और इनसे बड़ी मात्रा में पानी गांधी सागर और गुजरात की ओर डिस्चार्ज किया जा रहा है।