गुजरात में मूसलधार बारिश के चलते बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है, जिससे मंगलवार को 9 और लोगों की मौत हो गई। इससे पिछले दो दिनों में बारिश से मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। राज्य के कई हिस्सों में लगातार चौथे दिन भी बारिश जारी रही, जिससे 8,500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अधिकारियों के अनुसार, राहत और बचाव कार्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय तटरक्षक बल को लगाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बात कर स्थिति का जायजा लिया और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
मंगलवार को बारिश से संबंधित घटनाओं में, जैसे दीवार गिरने और डूबने से, राज्य के विभिन्न हिस्सों में 9 लोगों की मौत हो गई। सोमवार को भी इसी तरह की घटनाओं में 7 लोगों की जान चली गई थी। मंगलवार को आनंद जिले में दीवार गिरने से तीन लोगों की मौत हुई, महिसागर जिले में दो लोगों की और खेड़ा तथा अहमदाबाद जिलों में एक-एक व्यक्ति की जान गई। जूनागढ़ और भरूच जिलों में भी एक-एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई।
अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को खेड़ा और मोरबी जिलों से 169 लोगों को बचाया गया और 8,460 अन्य लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इनमें से लगभग 3,000 लोग नवसारी से और लगभग 1,000 लोग वडोदरा और खेड़ा से निकाले गए। इस तरह, सोमवार और मंगलवार को मिलाकर कुल 15,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
सीएम भूपेंद्र पटेल ने ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, “माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने गुजरात में भारी बारिश की स्थिति पर मुझसे टेलीफोन पर बात की और राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया।” पीएम मोदी ने जीवन और पशुधन की सुरक्षा पर मार्गदर्शन दिया और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
सौराष्ट्र क्षेत्र के कई जिलों, विशेषकर देवभूमि द्वारका, जामनगर, पोरबंदर और राजकोट में 24 घंटे में भारी बारिश दर्ज की गई। देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुका में 454 मिमी, जामनगर शहर में 387 मिमी, और जामजोधपुर तालुका में 329 मिमी बारिश हुई। राज्य के 251 में से 13 तालुकों में 200 मिमी से अधिक और 39 तालुकों में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और निचले इलाकों में जलभराव हो गया।
वडोदरा में बारिश थमने के बावजूद, विश्वामित्री नदी में बाढ़ आने से शहर के कई निचले इलाके जलमग्न हो गए। राहत और बचाव कार्यों के लिए मोरबी, आनंद, देवभूमि द्वारका, राजकोट और वडोदरा में सेना की पांच टुकड़ियों को तैनात किया गया है।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार, राज्य में 137 जलाशय और झीलें, और 24 नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। बारिश के कारण सड़कों और रेलवे लाइनों पर पानी भर जाने से यातायात और ट्रेन सेवाएं भी बाधित हुईं। पश्चिम रेलवे ने मुंबई जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस सहित आठ ट्रेनों को रद्द कर दिया और 10 अन्य ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द किया गया।
अब तक, गुजरात में औसत वार्षिक वर्षा का 105 प्रतिशत बारिश हो चुकी है, जबकि बनासकांठा जिले में सबसे कम 73 प्रतिशत औसत वार्षिक वर्षा दर्ज की गई है।