RG Kar Medical college and Hospital में बलात्कार और हत्या की घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश और विरोध का माहौल बना हुआ है। लोग न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर उतर रहे हैं। प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकालकर शांतिपूर्ण तरीके से लोग अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं, और पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। इस घटना पर मनोरंजन जगत के कई प्रमुख हस्तियों ने भी मुखर होकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ दिन पहले निर्माता और निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने भी इस मामले में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। अब बंगाली फिल्म उद्योग के अभिनेताओं और तकनीशियनों ने भी अपने तरीके से विरोध जताया है और सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया है, जिससे इस घटना के खिलाफ आक्रोश और भी व्यापक हो गया है।
RG Kar Medical college and Hospital में हुई शर्मनाक घटना के विरोध में Sunday को बंगाली फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में अभिनेता और तकनीशियनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। काले कपड़ों में गले में तख्तियां लटकाए हुए, जिन पर बंगाली में न्याय की मांग के नारे लिखे थे, प्रदर्शनकारियों ने जोरदार तरीके से विरोध दर्ज कराया। उन्हें प्रदर्शन के दौरान “we want justice!” के नारे लगाते हुए भी सुना गया, जिससे उनके आक्रोश और पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग और भी प्रबल हो गई।
RG Kar Medical college and Hospital में हुई अमानवीय घटना के खिलाफ ‘Kashmir Files’ के निर्देशक और निर्माता Vivek Ranjan Choudhary ने भी सड़कों पर उतरकर विरोध जताया था और न्याय की मांग की थी। Vivek Ranjan Choudhary , जो अक्सर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखते हैं, इस मामले में भी आम लोगों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने इस जघन्य घटना की कड़ी निंदा करते हुए पीड़िता को न्याय दिलाने की पुरजोर मांग की थी।
Vivek Ranjan Choudhary ने बातचीत के दौरान बंगाल की राजनीति और व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था, “हम सभी कोलकाता में बैठे हैं, लेकिन मैंने बहुत सफर किया है। अपने अनुभव से, मैं बिना किसी शर्म या डर के कह सकता हूं कि यौन शोषण और महिलाओं के खिलाफ हिंसा सहित सभी आपराधिक गतिविधियां जिलों और गांवों में इन राजनीतिक दलों के कार्यालयों से संचालित होती हैं।” अग्निहोत्री ने यह भी कहा कि “यौन हिंसा समाज और परिवारों को हतोत्साहित करती है, और इसे वोट बैंक में बदलना यहां सबसे आसान और सुरक्षित तरीका माना जाता है।” उनके इस बयान ने बंगाल की राजनीति में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर बहस छेड़ दी है।