शहडोल। परिजन इसके पीछे सिकाई के दौरान अधिक हीट होने का कारण बताते हुए मेडिकल कालेज प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे है ,तो वही दूसरी और अस्पताल प्रबंधन द्वारा झुलसी हुई स्किन के पीछे स्टेफाइलोकोकल स्केल्डेड स्किन सिंड्रोम बीमारी से नवजात के ग्रसित होने की बात कह रहा है ।हालाकि मेडिकल कालेज से बाहर जिले में मौजूद एक वरिष्ठ शिशु रोग विशेषग्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बच्चे की हालत देखकर कहा कि ऐसा लगता है कि वार्मर अधिक गर्म था, जिससे बच्चे के शरीर पर फफोले बने और वे फूट गए। है । जिसका असर चमड़ी में दिखाई दे रहा है ।
परिजनों का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज में लापरवाही के कारण ही शिशु सिकाई के दौरान झुलस गया है । एक्सपर्ट के अनुसार, फोटो थेरेपी के लिए उसे वार्मर में रखा गया था, जहां अधिक हीट के कारण उसके चेहरे और पीठ पर फफोले हो गए और फिर फूट गए होंगे । बताया गया है कि नवजात को पीलिया था, जिसके इलाज के लिए उसे वार्मर में रखा गया था। इस दौरान, वार्ड में मौजूद चिकित्सा अमले की लापरवाही से अधिक तापमान के कारण बच्चा झुलस गया। बच्चा 23 अगस्त को पैदा हुआ था।तथा उसे दो दिन बाद 25 अगस्त को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया था। परिजनों के हंगामे के बाद मामला पुलिस तक पहुच गया ,जिसके बाद परिजनों के आरोपों की जांच की जा रही है ।
मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया। एसएनसीयू वार्ड के कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही के कारण इस हादसे को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इस घटना ने मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा और कर्मचारियों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवारजन इस हादसे से बेहद चिंतित हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। नवजात की हालत गंभीर बताई जा रही है, और उसे तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। बताया गया है कि नवजात के परिजन जयसिंहनगर के रहने वाले हैं और उसे पीलिया के कारण मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
जिम्मेदारो के बोल …
थाना प्रभारी सोहगपुर भूपेंद्र मणि पांडे ने बताया कि हंगामे की सूचना मिलने पर वे मौके पर पहुंचे थे। एमएलसी जिला अस्पताल के डॉक्टर से कराई गई है, और परिजनों ने थाने में लिखित रूप में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत की विस्तृत जांच की जा रही है, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल अधीक्षक मेडिकल कॉलेज शहडोल, डॉ. नागेंद्र सिंह ने परिजनों द्वारा लगाए गए अधिक हीट के आरोप को नकारते हुए कहा कि नवजात बच्चों में एक बीमारी होती है, जिसे स्टेफाइलोकोकल स्केल्डेड स्किन सिंड्रोम कहते हैं। इसके कारण स्किन झुलसने जैसी दिखाई देती है, लेकिन परिजनों को ऐसा लगता है कि यह अधिक हीट के कारण हुआ है। यह आरोप निराधार है ।