4 दिन पहले अपनी मां के साथ सो रही 10 माह की बच्ची गढ़ थाना क्षेत्र से रहस्यमय ढंग से गायब हो गई थी। चौथे दिन, एक चरवाहे की सूचना पर पुलिस ने बच्ची को उसके घर से लगभग 7 किलोमीटर दूर सुनसान जंगल में एक पेड़ से लटके कपड़े के झूले पर लेटी हुई पाया। मासूम को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, और फिर उसे बेहतर इलाज के लिए रीवा के संजय गांधी अस्पताल भेजा गया।
यह मामला रीवा जिले के गढ़ थाना क्षेत्र के बरहट गांव की साकेत बस्ती का है। विमलेश साकेत की 10 माह की बेटी, श्रेया साकेत, रात में अपनी मां उर्मिला साकेत के साथ घर के अंदर सो रही थी। पिता विमलेश और उनके बेटे दूसरी चारपाई पर सोया था। सुबह जब उर्मिला की आंख खुली, तो उसने देखा कि श्रेया बिस्तर में नहीं थी, जिससे उसकी चिंता बढ़ गई। उर्मिला ने परिवार वालों को बताया और मिलकर श्रेया की काफी खोजबीन की, लेकिन कहीं भी उसका कोई पता नहीं चला।
परिजनों ने जब इस घटना की सूचना पुलिस को दी, तो गढ़ थाना पुलिस ने डॉग स्क्वायड के साथ गांव में गहन खोजबीन शुरू कर दी। पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह और एडिशनल एसपी विवेक लाल भी घटनास्थल पर पहुंचे और अधिकारियों को हर संभावित पहलू पर पूरी तफ्तीश करने का निर्देश दिया। परिजनों की चिंता यह थी कि सोते समय किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनकी मासूम बच्ची को घर से अगवा कर लिया था।
एसडीओपी कृपाशंकर ने बताया कि “शनिवार दोपहर गढ़ थाना पुलिस को गांव के सरपंच से सूचना मिली कि एक चरवाहे ने जंगल में एक बच्ची देखी है। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम तत्काल जंगल की ओर रवाना हो गई और वहां एक पेड़ पर लटके कपड़े के झूले से बच्ची को सुरक्षित बरामद कर लिया। पुलिस ने परिजनों को मौके पर बुलाया और पुष्टि की कि यह 10 माह की श्रेया साकेत ही है।
बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है और उसे बेहतर इलाज के लिए रीवा के संजय गांधी अस्पताल भेजा गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि बच्ची जंगल कैसे पहुंची और आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।”